आचार्य चाणक्य एक महान शिक्षक होने के साथ ही कई विषयों के अच्छे जानकार भी थे। चाणक्य को अर्थशास्त्र के अलावा राजनीति शास्त्र, कूटनीति शास्त्र के साथ समाजशास्त्र का भी खास ज्ञान था। जीवन के कई पहलुओं से जुड़ी समस्याओं का नीति शास्त्र में हल बताने वाले चाणक्य का कहना है कि व्यक्ति को सफल होने के लिए कौवे और मुर्गे की अच्छी आदतें अपनानी चाहिए।
आचार्य चाणक्य ने एक श्लोक के जरिए तरक्की का सूत्र बताया है। जिसमें कौवे और मुर्गे की अच्छी आदतों का जिक्र किया हया है। चाणक्य कहते हैं कि इंसान इन आदतों को अपनाकर अपनी तरक्की के रास्ते खुद खोल लेता है।
चाणक्य नीति के श्लोक-
प्रत्युत्थानं च युद्धं च संविभागं च बन्धुषु ।
स्वयमाक्रम्य भुक्तं च शिक्षेच्चत्वारि कुक्कुटात् ॥
गूढमैथुनचारित्वं काले काले च सङ्ग्रहम् ।
अप्रमत्तमविश्वासं पञ्च शिक्षेच्च वायसात् ॥
चाणक्य नीति के अनुसार, सही समय पर जागना, युद्ध के लिए तैयार रहना, दोस्तों और अपनों को उनका हिस्सा देना और मेहनत से कमाना। ये चार आदतें इंसान को मुर्गे से सीखनी चाहिए। इसके अलावा धैर्य रखना. समय से बचत करना, हमेशा सर्तक रहना और किसी पर विश्वास नहीं करना। ये आदतें व्यक्ति को कौवे से सीखनी चाहिए।
चाणक्य कहते हैं कि जिस व्यक्ति ने अपने जीवन में इन आदतों को अपना लिया, वह जल्द सफल होता है। इसके साथ ही ऐसे लोग हमेशा आगे बढ़ते रहते हैं। चाणक्य कहते हैं कि ऐसे लोगों के धनवान बनने की राह भी आसान हो जाती है।