प्रधानमंत्री जन-धन योजना (पीएमजेडीवाई) के तहत आधे से ज्यादा यानी लगभग 55 प्रतिशत खाताधारक महिलाएं हैं। सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत मांगी गई जानकारी से यह आंकड़ा मिला है। हालांकि, महिलाओं और पुरुषों के खातों में जमा को लेकर कोई आंकड़ा नहीं दिया गया है।
मध्यप्रदेश के सूचना का आधिकार लगाने वाले कार्यकर्ता चंद्र शेखर गौड़ को सरकार की ओर से दिए गए जवाब में कहा गया है कि 9 सितंबर, 2020 तक पीएमजेडीवाई के तहत कुल 40.63 करोड़ खाते थे। इनमें से 22.44 करोड़ खाते महिलाओं के और 18.19 करोड़ खाते पुरुषों के थे।
वित्त मंत्रालय द्वारा उपलब्ध कराई गई सूचना के अनुसार चालू वित्त वर्ष में सितंबर की शुरुआत तक इन पीएमजेडीवाई खातों में जमाराशि 8.5 प्रतिशत बढ़कर करीब 1.30 लाख करोड़ पर पहुंच गई। सूचना में कहा गया हे कि पीएमजेडीवाई खातों में एक अप्रैल, 2020 तक कुल जमा 1,19,680.86 करोड़ रुपये थी, जो 9 सितंबर, 2020 तक 8.5 प्रतिशत बढ़कर 1,29,811.06 करोड़ रुपए हो गई।
वित्त मंत्रालय ने हालांकि कहा है कि महिला और पुरुष खाताधारकों के खातों में जमा का अलग ब्योरा नहीं रखा गया है। पीएमजेडीवाई खातों में शून्य बैंलेस या शेष संबंधी सवाल पर वित्त मंत्रालय ने बताया कि नौ सितंबर, 2020 तक 3.01 करोड़ खाते ऐसे थे, जिनमें एक भी पैसा नहीं था। पीजेडीवाई की वेबसाइट पर सात अक्टूबर, 2020 के आंकड़ों के अनुमसार कुल खाताधारकों की संख्या 40.98 करोड़ है। इन खातों में जमा राशि 1,30,360.53 करोड़ रुपये है। राष्ट्रीय वित्तीय समावेशन मिशन के तहत प्रधानमंत्री जन-धन योजना की शुरुआत अगस्त, 2014 में हुई थी।