वाराणसी। उत्तर प्रदेश राज्य महिला बाल संरक्षण आयोग की सदस्य डॉ सुचिता चतुर्वेदी मंगलवार को सर्किट हाउस पहुंची। उससे पहले बीएचयू में वो आजमगढ़ की रहने वाली दुष्कर्म पीड़िता बच्ची से मिलने गई थी। उन्होंने विवादित बयान देते हुए कहा कि ऐसी घटनाओं में परिवार के लोग ही दोषी होते हैं। 21 साल के लड़के के साथ 9 साल की बच्ची को क्यों भेज दिया था। अपनी बच्ची का कोई प्रोटेक्शन ही नहीं है। हर चीज का ठीकरा सरकार पर फोड़ना ठीक नहीं है।
डॉ सुचिता ने कहा कि आजमगढ़ की घटना का दोषी परिवार ही है। बगल का लड़का बच्ची को नहलाने बाहर लेकर जाता है। परिजनों से कपड़े मांगता है। परिजन को बच्ची का ध्यान ही नहीं,घटना के बाद सरकार को दोषी नही ठहराना चाहिए।अभी बच्ची की हालत सामान्य हो रही है। बीएचयू में अच्छे से इलाज भी हो रहा है।
सरकार खौफ पैदा करती तो लोग कहते लोकतंत्र का हनन हो रहा है
उन्होंने कहा कि सरकार पूरा प्रयास करती है कि ऐसी घटनाएं न घटे। सरकार का खौफ ही है कि हाथरस जैसी घटना पर इतनी बड़ी जांच बैठ गयी। हाथरस के घटना का षड्यंत्र जल्द सामने आएगा। वैसे वो घटना मेरे आयोग से संबंधित नहीं है। उसकी जांच चल रही है।
दरअसल, आजमगढ़ के जीयनपुर कस्बे की रहने वाली मासूम बच्ची से उसी के पड़ोस के युवक दानिश ने दुष्कर्म किया था, जो गिरफ्तार होकर जेल जा चुका है। बच्ची को वहां से बीएचयू 1 तारीख को इलाज के लिए रेफर किया गया था।