पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी में 15 जून हुई हिंसा में कितने चीनी सैनिक मारे गए थे, इसके रहस्य का पर्दा उठता नजर आ रहा है। द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक चीन ने भारत के साथ बैठक में पहली बार बताया है कि गलवान घाटी संघर्ष में उसके 5 सैनिक मारे गए थे। इसमें चीनी सेना का एक कमांडिंग ऑफिसर भी शामिल था। इससे पहले चीन ने केवल एक सैनिक के मरने की बात मानी थी। इस खूनी संघर्ष में भारत के 20 सैनिक शहीद हो गए थे। चीन भले ही अभी 5 सैनिकों के ही मारे जाने की बात रहा हो लेकिन अमेरिकी और भारतीय खुफिया एजेंसियों का अनुमान है कि कम से कम 40 चीनी सैनिक इस हिंसा मारे गए थे। भारत और चीन के बीच बातचीत के दौरान मजेदार बात यह सामने आई है कि पूर्वोत्तर सीमा पर भारत और चीन विवादित इलाकों में साप्ताहिक रोटेशन के आधार पर गश्त लगाते हैं। बताया जा रहा है कि पूर्वी लद्दाख में भी यह तरीका अपनाया जा सकता है। इस समय पूर्वी लद्दाख के देपसांग, पैंगोंग झील के नॉर्थ और साउथ बैंक, पेट्रोलिंग प्वाइंट 17A, रेजांग ला और रेचिन ला में दोनों ही सेनाएं आमने सामने हैं। हमारे सैनिक गोलियां चलाने से भी तनिक भी नहीं हिचकेंगे: भारत गलवान हिंसा से सबक लेते भारत ने चीन को साफ कह दिया है कि हमारे सैनिक खुद की सुरक्षा और पूर्वी लद्दाख में अपनी सीमा की सुरक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। भारत ने बिल्कुल स्पष्ट भाषा में चीन से कहा कि अगर क्षेत्र में हालात नियंत्रण से बाहर हुए तो हमारे सैनिक गोलियां चलाने से भी तनिक भी नहीं हिचकेंगे। एक अधिकारी ने पहचान गुप्त रखने की शर्त पर कहा कि चीन को साफ संदेश दिया गया है कि धक्का-मुक्की और झड़प की कार्रवाई अब बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जाएगी।