चीन की सरकार से जुड़ी एक बड़ी डेटा कंपनी 10 हजार भारतीय लोगों और संगठनों की निगरानी कर रही है। इनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, उनका परिवार, कई कैबिनेट मंत्री और मुख्यमंत्री शामिल हैं। ज्यूडिशियरी, बिजनेस, स्पोर्ट्स, मीडिया, कल्चर एंड रिलीजन से लेकर तमाम क्षेत्रों के लोगों पर चीन की नजर है। यहां तक कि आपराधिक मामलों के आरोपियों की भी निगरानी की जा रही है। अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस की इन्वेस्टिगेशन में ये खुलासा हुआ है।
चीन की निगरानी में ये बड़े लोग शामिल
नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री
रामनाथ कोविंद, राष्ट्रपति
जेपी नड्डा, भाजपा अध्यक्ष
सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष
मनमोहन सिंह, पूर्व प्रधानमंत्री
राहुल गांधी, कांग्रेस नेता
प्रियंका गांधी, कांग्रेस नेता
बिपिन रावत, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ
एस ए बोबडे, चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया
जी सी मुर्मू, कॉम्प्ट्रॉलर एंड ऑडिटर जनरल (CAG)
अमिताभ कांत, नीति आयोग के सीईओ
रतन टाटा, चेयरमैन (एमेरिटस), टाटा ग्रुप
गौतम अडाणी, चेयरमैन, अडाणी ग्रुप
सचिन तेंदुलकर, क्रिकेटर
श्याम बेनेगल, फिल्म डायरेक्टर
8 केंद्रीय मंत्री
राजनाथ सिंह
निर्मला सीतारमण
रविशंकर प्रसाद
पीयूष गोयल
स्मृति ईरानी
वीके सिंह
किरण रिजिजू
रमेश पोखरियाल निशंक
5 मुख्यमंत्री
शिवराज सिंह चौहान, मुख्यमंत्री, मध्य प्रदेश
अशोक गहलोत, मुख्यमंत्री, राजस्थान
उद्धव ठाकरे, मुख्यमंत्री, महाराष्ट्र
अमरिंदर सिंह, मुख्यमंत्री, पंजाब
ममता बनर्जी, मुख्यमंत्री, पश्चिम बंगाल
7 पूर्व मुख्यमंत्री
रमन सिंह, छत्तीसगढ़
अशोक चव्हाण, महाराष्ट्र
के सिद्धारमैया, कर्नाटक
हरीश रावत, उत्तराखंड
लालू प्रसाद यादव, बिहार
भूपिंदर सिंह हुड्डा, हरियाणा
बाबूलाल मरांडी, झारखंड
नेताओं के परिवार वालों पर भी नजर
सविता कोविंद, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की पत्नी
गुरशरण कौर, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की पत्नी
जुबिन ईरानी, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के पति
सुखबीर सिंह बादल, केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर के पति
डिंपल यादव, यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पत्नी
तीनों सेनाओं के 15 पूर्व प्रमुखों की ट्रैकिंग
रिपोर्ट के मुताबिक चीन के शेनझेन शहर की झेन्हुआ डेटा इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी कंपनी भारतीयों की रियल टाइम मॉनिटरिंग कर रही है। इसके निशाने पर भारत के जो लोग और संगठन हैं, उनकी हर छोटी-बड़ी सूचना जुटाई जा रही है। इंडियन एक्सप्रेस ने 2 महीने तक बड़े डेटा टूल्स का इस्तेमाल करते हुए झेन्हुआ के मेटा डेटा की पड़ताल के आधार पर यह खुलासा किया है। इसके मुताबिक तीनों सेनाओं के 15 पूर्व प्रमुखों, 250 ब्यूरोक्रेट और डिप्लोमेट्स की भी ट्रैकिंग की जा रही है।