इस माह दो छाया ग्रह राहु-केतु 18 माह के बाद राशि बदल रहे हैं। ये राशि परिवर्तन 22 और 23 सितंबर की मध्य रात्रि में होगा। राशि परिवर्तन की तारीख को लेकर पंचांग भेद भी हैं। शनि के बाद राहु-केतु ही एक राशि में सबसे ज्यादा समय तक रुकते हैं। ये दोनों ग्रह हमेशा वक्री रहते हैं। इसीलिए पीछे ओर चलते हैं। राहु मिथुन से वृषभ राशि में और केतु धनु से वृश्चिक राशि में प्रवेश करेगा।
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार राहु-केतु 18 वर्षों के बाद क्रमश: वृषभ और वृश्चिक में प्रवेश करेंगे। आगे 18 महीने यानी 14 मार्च 2022 तक राशि नहीं बदलेंगे। राहु का प्रवेश वृषभ में होगा, इसका स्वामी शुक्र है। शुक्र राहु का मित्र है। केतु का प्रवेश वृश्चिक राशि मे होगा। इस राशि का स्वामी मंगल है, जो कि केतु के लिए अनुकूल है। जानिए सभी 12 राशियों पर राहु-केतु का कैसा असर होने वाला है...
मेष- राहु-केतु की वजह से आय बेहतर रहेगी, लेकिन त्वचा संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। परिवार में विवाद हो सकते हैं। नौकरी में प्रमोशन मिल सकता है।
वृषभ- राहु का प्रवेश इसी राशि में होगा और केतु की दृष्टि राशि पर होगी। यह समय फिर से उठकर संभलने का रहेगा। परेशानियां बढ़ेंगी, लेकिन आत्मविश्वास में कमी नहीं आएगी। चिंताओं पर विजय प्राप्त होगी। हिम्मत बनी रहेगी। रोगों में वृद्धि हो सकती है।
मिथुन- राहु इस राशि से निकल जाएगा। शांति महसूस करेंगे और परिवार में खुशियों की प्राप्ति होगी। आर्थिक मामलों में तरक्की होगी और संतान से भी खुशियों की प्राप्ति होगी। नई कार्य योजनाएं बनेंगी।
कर्क- राहु और केतु की वजह से विशेष फर्क नहीं पड़ेगा। कोई दिक्कत आने की संभावना नहीं है। वाहनादि प्रयोग में सावधान रहना होगा और अज्ञात भय बना रहेगा। राहु विवादों में विजय दिलाएगा और केतु से धन प्राप्ति की संभावनाएं हैं।
सिंह- राहु और केतु चतुर्थ होने से निर्माण कार्य में व्यय होने की संभावनाएं है। अनचाहे कार्य करने पड़ सकते हैं। किसी निकट के व्यक्ति से विवाद होने की संभावना है। बिजली उपकरणों से सावधान रहें। व्यापार में भी धोखा मिल सकता है। विवादित मामलों में पीछे हटना पड़ेगा।
कन्या- राहु-केतु की वजह से निराशा दूर होगी और बिछड़े हुए लोगों से मिलने का मौका प्राप्त होगा। विदेश में रहने वालों को लाभ होगा और आय में सुधार होगा। ऋण से मुक्ति पाने के उपाय प्राप्त होंगे। घर में सुधार कार्य होंगे और विवादों का हल होगा। संपत्ति से लाभ प्राप्त होगा।
तुला- राहु-केतु की वजह से कुछ समस्याएं बढ़ सकती हैं। निराशा हावी होगी और कार्य समय पर संपन्न नहीं होंगे। वाहनादि प्रयोग में सावधानी रखें और विवादों से दूर रहे। घरेलु विवाद बाहर आ सकते है। जोखिम पूर्ण कार्य से दूर रहने का प्रयास करें।
वृश्चिक- राशि में केतु का प्रवेश होगा और राहु की दृष्टि रहेगी। इस योग में कई प्रकार के कार्य एक साथ करने पड़ सकते हैं। योजनाएं सफल होंगी। घर में कोई मांगलिक उत्सव होगा। जिम्मेदारियों में वृद्धि होगी। संतान से खुशी की प्राप्ति होगी। नाक-कान में चोट या रोग होने की संभावना है।
धनु- केतु राशि से निकल जाएगा और राहु की दृष्टि भी समाप्त हो जाएगी। समय सभी प्रकार से अनुकूल रहेगा। शत्रु सिर उठाने का प्रयास करेंगे और उनका दमन भी होगा। चिंताएं समाप्त होगी एवं धार्मिक कार्य में संलग्र होंगे। यात्रा का योग भी बनेगा। नए मकान खरीदने संबंधी योजना बनेगी।
मकर- राहु और केतु एकादश इसका कोई खराब असर नहीं पड़ेगा। यह समय अनुकूल ही रहेगा। कुछ मानसिक तनाव हो सकता है, इसके अलावा घुटने में दर्द एवं अज्ञात भय चिंता रहेगी। संतान से सुख प्राप्त होगा और जमीन आदि खरीदने का मन बन सकता है।
कुंभ- राहु-केतु की वजह से कुछ दिक्कतें आर्थिक रूप से आ सकती हैं। घुटना, जोड़ के रोग परेशान कर सकते हैं। नींद की अधिकता रहेगी। परिवार से सहयोग कम मिलेगा। संतान परेशान करने वाली हो सकती है। दिसंबर के बाद धन की आवक में तेजी आएगी।
मीन- राहु-नवम से लाभ की स्थिति ज्यादा बनेगी। यह स्थिति बुरी लतों की ओर आकर्षित करेगी, सावधान रहना होगा। यात्राएं अधिक होंगी। प्रमोशन के साथ स्थानांतरण के योग बनेंगे। काम-काज बढ़ाने की इच्छा रहेगी, लेकिन व्यय की अधिकता से परेशानी हो सकती है।