पाकिस्तान में आतंकी संगठन सिपाह-ए-सहाबा पाकिस्तान (एसएसपी) ने शिया मुसलमानों के खिलाफ सुन्नी समुदाय के लोगों को भड़काना शुरू कर दिया है। शुक्रवार को इसकी बानगी कराची की सड़कों पर देखने को मिली। यहां हजारों की संख्या में लोग एसएसपी के बुलावे पर प्रदर्शन करने पहुंचे। भीड़ ने ''शिया काफिर हैं'' के नारे लगाए। शिया मुसलमानों को जान से मारने की धमकी दी।
कराची में शिया मुसलमानों के खिलाफ प्रदर्शन करते लोग।
सोशल मीडिया पर भी छिड़ी जंग
सोशल मीडिया पर भी शिया-सुन्नी में जंग छिड़ गई। देखते ही देखते ट्वीटर पर #ShiaGenocide ट्रेंड करने लगा। इसमें एक तरफ सुन्नी समुदाय के लोग शियाओं के खिलाफ कमेंट कर रहे थे तो दूसरी ओर शिया समुदाय के लोगों ने इस्लाम और इंसानियत का हवाला देते हुए ऐसे हमले बंद करने की मांग की। शिया समुदाय के एक युवक ने मीट शेयर करते हुए सुन्नी समुदाय से पूछा, ''आप इस्लाम को शांति का धर्म बताते हो और दूसरी ओर इंसानियत का खून भी करते हो।''
इस्लाम विरोधी कमेंट करने का आरोप
न्यूज एजेंसी ने बताया कि पिछले महीने मुहर्रम पर आशूरा जुलूस का टीवी चैनल पर प्रसारण किया गया। आरोप है कि इसमें कुछ शिया धर्म गुरुओं ने इस्लाम के खिलाफ कमेंट किया। पाकिस्तान की सोशल एक्टिविस्ट आफरीन ने ट्वीट किया कि इसके बाद से कई शिया मुस्लिमों पर धार्मिक पुस्तकों को पढ़ने और आशूरा जुलूस में हिस्सा लेने के लिए हमला किया गया।
प्रदर्शन के दौरान आतंकी संगठन की तरफ से शिया मुसलमानों को धमकी भी दी।
5 साल में सैकड़ों शिया मुसलमानों की हत्या, कई लापता
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान में पिछले 5 सालों में शिया मुसलमानों के खिलाफ हिंसा काफी बढ़ गई है। इस दौरान सैकड़ों की संख्या में शिया मुसलमानों की हत्या कर दी गई। हत्या करने के बाद हत्यारे खून से ही शियाओं के घर के बाहर ''शिया काफिर हैं'' भी लिखते हैं। इसके अलावा कई शिया समुदाय के युवा, महिलाएं अभी लापता हैं।
कुछ साल पहले तक शिया समुदाय के लोगों को मैसेज के जरिए पहले धमकी दी जाती थी और फिर ग्रेनेड से हमला कर उनकी हत्या कर देते थे। शिया मुसलमानों पर हिंसा करने का आरोप आतंकी संगठन एसएसपी पर ही है।
शियाओं के खिलाफ प्रदर्शन में भारी भीड़ जुटी थी।
शियाओं पर होने वाली हिंसा को कवर करने वाले पत्रकार को गिरफ्तार किया
एक ट्विटर यूजर ने लिखा है कि शिया के खिलाफ होने वाली हिंसा को कवर करने वाले पत्रकार बिलाल फारूकी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। यूजर ने लिखा, ''यह शियाओं का नरसंहार ही है। हमारे ऊपर अत्याचार हो रहा है।''
सोशल एक्टिविस्ट आफरीन ने इसके लिए पाकिस्तान सरकार को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने लिखा कि पाकिस्तान सरकार जानते हुए ऐसे आतंकी संगठन को शियाओं के खिलाफ प्रदर्शन और हिंसा करने की मंजूरी दे रही है। इसके लिए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान सीधे तौर पर जिम्मेदार हैं।