लो जी, लोगों ने पेट्रोल-डीजल की खपत भी कम कर दी है, मंत्रालय में घबराहट

Posted By: Himmat Jaithwar
9/11/2020

नई दिल्ली। भारत की जनता हर समस्या का समाधान अपने तरीके से खोजती है। लॉकडाउन और सरकारी प्रतिबंधों का फायदा उठाते हुए रेलवे ने सामान्य ट्रेनों को स्पेशल बताकर किराया डबल कर दिया तो यात्रियों ने सर रेल में यात्रा करना ही बंद कर दिया। चौंकाने वाली बात यह है कि सरकार ने पेट्रोल-डीजल की मूल लागत से ज्यादा टैक्स लगा दिए तो जनता ने पेट्रोल-डीजल की खपत करना कम कर दिया। 

पेट्रोल-डीजल: अगस्त की बिक्री के रिकॉर्ड से हाथ पांव फूले

अगस्त के महीने की बिक्री का रिकॉर्ड सामने आने के बाद सरकार के माथे पर पसीना नजर आ रहा है। अब तक सरकार मानती आ रही थी कि पेट्रोल-डीजल की बिक्री कभी कम नहीं हो सकती भले ही उस पर कितना भी टैक्स लगा दिया जाए, परंतु पहली बार भारत में पेट्रोल-डीजल की बिक्री में रिकॉर्ड कमी आई है।

पेट्रोलियम मंत्रालय के पेट्रोलियम योजना एवं विश्लेषण प्रकोष्ठ (पीपीएसी) के आंकड़ों के अनुसार अगस्त में पेट्रोलियम उत्पादों की बिक्री पिछले महीने की तुलना में 7.5 प्रतिशत घटकर 1.43 करोड़ टन रह गई। वहीं एक साल पहले के अगस्त महीने की तुलना में बिक्री में 16% की गिरावट आई है। सन 2020 में अगस्त का महीना लगातार छठवां महीना है जबकि जबकि पेट्रोलियम उत्पादों की बिक्री में एक साल पहले के मुकाबले गिरावट आई है। 

अप्रैल 2020 में ईंधन की मांग रिकॉर्ड 48.6 प्रतिशत की गिरावट के साथ 94 लाख टन रही थी। उस समय सरकार ने कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन लगाया था। उसके बाद के दो महीनों में ईंधन की मांग कुछ सुधरी। लेकिन जुलाई से मासिक आधार पर मांग में लगातार गिरावट आ रही है। देश में सबसे अधिक बिकने वाले ईंधन डीजल की बिक्री अगस्त में 12 प्रतिशत गिरकर 48.4 लाख टन रह गई, जो जुलाई में 55.1 लाख टन थी।

जानिए आज क्या हैं डीजल-पेट्रोल की कीमतें

सालाना आधार पर डीजल की बिक्री में 20.7 प्रतिशत की गिरावट रही। इसी तरह अगस्त में पेट्रोल की बिक्री सालाना आधार 7.4 प्रतिशत घटकर 23.8 लाख टन रह गई। हालांकि जुलाई के मुकाबले इसमें 5.3 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गयी। जुलाई में 22.6 लाख टन पेट्रोल की बिक्री हुई थी। अगस्त में एलपीजी बिक्री सालाना आधार पर पांच प्रतिशत घटकर 22 लाख टन रही। वहीं मिट्टी तेल की मांग 43 प्रतिशत घटकर 1,32,000 टन रह गई। माह- दर- माह आधार पर इनकी बिक्री लगभग स्थिर रही। 

उद्योग सूत्रों का कहना है कि पेट्रोलियम उत्पादों की बिक्री को कोविड-पूर्व के स्तर पर पहुंचने में तीन-चार माह लगेंगे। पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इससे पहले कहा था कि त्योहारी सीजन के दौरान पेट्रोलियम की मांग सामान्य हो जाएगी, लेकिन कई राज्यों में लॉकडाउन की वजह से अभी मांग सामान्य नहीं हो पा रही है। अगस्त में नाफ्था की बिक्री जुलाई की तुलना में 16 प्रतिशत घटकर 10.7 लाख टन रही। अगस्त, 2019 के 14 लाख टन की तुलना में यह 24 प्रतिशत कम है। सड़क निर्माण में काम आने वाले बिटुमन की बिक्री सालाना आधार पर 39.1 प्रतिशत बढ़कर 3,16,000 टन पर पहुंच गई। हालांकि, मासिक आधार पर इसमें 18 प्रतिशत की गिरावट आई।



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