आज राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने देश के 47 शिक्षकों को किया सम्मानित, इनमें से 18 अध्यापिकाओं ने ये सम्मान पाकर बढ़ाया महिलाओं का गौरव

Posted By: Himmat Jaithwar
9/5/2020

आज शिक्षक दिवस पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने देश के 47 शिक्षकों को सम्मानित किया। इन सबको बधाई देने के साथ ही कोविंद ने भविष्य में इन्हें अच्छे काम करने की प्रेरणा भी दी।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने वर्चुअल समारोह में 47 अध्यापकों को सम्मानित किया, उनमें 18 अध्यापिकाएं हैं यानी लगभग 40% महिला टीचर्स को ये सम्मान मिला है। उन्होंने टीचर्स को संबोधित करते हुए यह भी कहा कि यह प्रतिष्ठित पुरस्कार आप सभी की प्रतिबद्धता और मेहनत का परिणाम है।

आप सभी ने शिक्षा के स्तर में अपनी गुणवत्ता को बढ़ाकर अपने-अपने विषयों को इतना रुचिकर बनाया कि बड़ी संख्या में विद्यार्थियों को इससे लाभ हुआ है। कठिन समय में भी आप सभी ने मेहनत कर बच्चों के विश्वास को लगातार बढ़ाया। जिन महिलाओं को ये सम्मान मिला, उनके नाम इस प्रकार हैं :

1. गीता कुमारी : राजस्थान 2. सिंधु प्रभु देसाई : गोवा 3. मीशा घोषल : पश्चिम बंगाल 4. रूही सुल्ताना : जम्मू कश्मीर 5. स्नेहिल पांडे : उत्तर प्रदेश 6. ज्योति अरोड़ा : दिल्ली 7. संगीता सोहनी : महाराष्ट्र, मुंबई 8. सपना सोनी : दुर्ग, छत्तीसगढ़ 9.सुधा पेन्नुली : उत्तराखंड 10. ईशिता डे : झारखंड 11. अर्चना गुरुंग : सिक्किम 12. निरुपमा कुमारी : झारखंड 13. थनकलता थनकप्पन : केरल 14. पद्मा प्रिय वुमाजी : हैदराबाद, तेलंगाना 15.सुरेखा जगन्नाथ : कालाबुर्गी, कर्नाटक 16. सरस्वती आर सी : चेन्नई, तमिलनाडु 17. जोशी सुधा गौतमभाई : अहमदाबाद, गुजरात 18. शेम्मलार शानमुघम : बेंगलुरु

स्टूडेंट को सीखाती हुई स्नेहिल पांडेय
स्टूडेंट को सीखाती हुई स्नेहिल पांडेय

उत्तरप्रदेश में उन्नाव की रहने वाली स्नेहिल पांडेय ये सम्मान पाकर बहुत खुश हैं। स्नेहिल उन्नाव के नवाबगंज ब्लॉक के इंग्लिश मीडियम प्रायमरी स्कूल में सीनियर टीचर हैं। उन्होंने गांव के स्कूल में इंग्लिश सबजेक्ट को अपनी शैली से आसान व रूचिकर बनाया। उन्हीं के प्रयासों से नवाबगंज गांव के बच्चे इस विषय को पढ़ने में रूचि लेने लगे हैं।

सुरेखा ने साइंस में किए गए उनके प्रयोग के आधार पर 100 से अधिक पुरस्कार जीते हैं
सुरेखा ने साइंस में किए गए उनके प्रयोग के आधार पर 100 से अधिक पुरस्कार जीते हैं

इसी तरह कलबुर्गी, कर्नाटक की सुरेखा जगन्नाथ ने साइंस में किए गए उनके प्रयोग के आधार पर 100 से अधिक पुरस्कार जीते हैं। वे स्टूडेंट के लिए साइंस को अधिक रूचिकर बनाने के उद्देश्य से अनेक प्रयोग करने के लिए जानी जाती हैं।

रूही सुल्ताना ने स्टूडेंट को पढ़ाने के लिए प्ले वे मेथड का इस्तेमाल किया है।
रूही सुल्ताना ने स्टूडेंट को पढ़ाने के लिए प्ले वे मेथड का इस्तेमाल किया है।

मूल रूप से श्रीनगर नौशेरा क्षेत्र की रहने वाली रूही सुल्ताना को राष्ट्रपति ने आज पुरस्कृत किया। रूही प्राथमिक विद्यालय डंगर पोरा, तेलबल श्रीनगर में टीचर हैं। वे उर्दू और कश्मीरी विषयों के लिए एक कंटेंट क्रिएटर के तौर पर स्कूली शिक्षा से जुड़ी हैं।

रूही दीक्षा में ई-कंटेंट क्रिएटर के रूप में काम करती हूं और श्रीनगर में ऑल इंडिया रेडियो प्रसारण के माध्यम से छात्रों को ऑनलाइन क्लासेस भी उपलब्ध कराती हैं। उन्होंने स्टूडेंट को पढ़ाने के लिए प्ले वे मेथड का इस्तेमाल किया है।

मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने इस प्रतिष्ठित पुरस्कार के लिए 6 मई से 25 जून के बीच नामांकन मांगे थे, जिसके तहत तीन स्तरीय प्रक्रिया के बाद शिक्षक इस पुरस्कार के लिए चयनित किए गए।

शिक्षकों को पहले खुद को ऑनलाइन नामांकित करना होता है। उसके बाद जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर की समिति उनका चयन करती है।



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