सेना ने कहा- दक्षिणी पैंगॉन्ग के विवादित इलाके पर पूरी तरह से हमारा कब्जा, इलाके की कई चोटियों पर आर्मी काबिज

Posted By: Himmat Jaithwar
9/1/2020

लद्दाख में चीनी घुसपैठ से बढ़े तनाव के बीच राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल ने मंगलवार को हालात की समीक्षा की। बताया जा रहा है कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज हाईलेवल मीटिंग बुला सकते हैं।

इस बीच, लद्दाख में सीमा पर तनाव के बीच भारत-चीन के आर्मी अफसर लगातार दूसरे दिन मीटिंग कर रहे हैं। पैंगॉन्ग सो झील के दक्षिणी किनारे की एक पहाड़ी पर चीन के कब्जे की नाकाम कोशिश के बाद ये बातचीत की जा रही है। न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक दोनों देशों के ब्रिगेड कमांडर लेवल के अधिकारी चर्चा में शामिल हैं। ये मीटिंग चुशूल सेक्टर में नियंत्रण रेखा से 20 किलोमीटर दूर स्थित मोल्दो में हो रही है।

चीन ने 29-30 अगस्त की रात घुसपैठ की कोशिश की थी
रक्षा मंत्रालय ने सोमवार को एक नोट जारी कर चीन की धोखेबाजी के बारे में बताया था। इसके मुताबिक 29-30 अगस्त की रात चीन के करीब 500 सैनिकों ने एक पहाड़ी पर कब्जे की कोशिश की थी, जिसे भारतीय सेना ने नाकाम कर दिया। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि हमारी सेना शांति चाहती है, लेकिन अपनी सीमाओं की सुरक्षा करना भी जानते हैं।

चीन की चाल: भारतीय चोटी बम्प हिल पर कब्जा चाहता था
सेना के अधिकारियों ने बताया कि चीन का इरादा अपने इलाके की ब्लैक टॉप नाम की पहाड़ी के सामने वाली भारतीय चोटी पर कब्जा करना था। इसके बाद चुशूल के बड़े इलाके में चीन की पकड़ मजबूत हो सकती थी। चीन के सैनिक उस निचले इलाकों में डटे हुए हैं, जो 3 चोटियों पर बैठे भारतीय सैनिकों की निगरानी में है।

चीन की सीनाजोरी: कहा- भारत ने ही एग्रीमेंट तोड़ा
चीन ने उल्टा दोष मढ़ते हुए कहा है कि भारतीय सैनिकों ने वार्ता में बनी आम सहमति का ध्यान नहीं रखा। हम मांग करते हैं कि भारत अपने सैनिकों को पीछे हटाए।

कैलाश-मानसरोवर झील के किनारे चीन की मिसाइलें तैनात
न्यूज एजेंसी के मुताबिक चीनी सेना ने लद्दाख से लगे होतान एयरबेस पर जे-20 फाइटर प्लेन तैनात किए हैं। कैलाश-मानसरोवर झील के किनारे जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइलें भी तैनात कर दी हैं।

चीन 3 इलाकों से पीछे नहीं हट रहा
आर्मी और डिप्लोमैटिक लेवल की कई राउंड की बातचीत के बावजूद चीन पूर्वी लद्दाख के फिंगर एरिया, देप्सांग और गोगरा इलाकों से पीछे नहीं हट रहा। चीन के सैनिक 3 महीने से फिंगर एरिया में जमे हुए हैं। अब उन्होंने बंकर बनाने और दूसरे अस्थायी निर्माण करने भी शुरू कर दिए हैं।



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