मैंने एक झटके में कुछ करने का फैसला कर लिया था। मैंने नहीं सोचा था कि कोशिश करने और नाकाम रहने पर अफसोस करूंगा। अगर मैं ये नहीं करता हूं तो एक बार भी कोशिश न करने के ख्यालों से जरूर परेशान रहूंगा।' ये बातें जिसने कही थी, वो आज दुनिया का सबसे अमीर शख्स है। नाम है जेफ बेजोस। अमेजन के मालिक। बेजोस ने ये बातें 2010 में एक भाषण में कही थीं। ये भाषण उन्होंने प्रिंसटन यूनिवर्सिटी में दिया था। ये वही यूनिवर्सिटी है, जहां से बेजोस ने 1986 में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग और कम्प्यूटर साइंस की डिग्री ली थी।
इसी भाषण में उन्होंने अमेजन शुरू करने से पहले की जिंदगी के बारे में बताया था। उन्होंने बताया था कि इंटरनेट की पहुंच बढ़ते देख ही उनके मन में एक ऑनलाइन बुक स्टोर खोलने का ख्याल आया था। अमेजन शुरू करने से पहले बेजोस ने कई कंपनियों में नौकरी भी की थी। उन्होंने अप्रैल 1988 से दिसंबर 1990 तक अमेरिका की बैंकर्स ट्रस्ट कंपनी में काम किया, जहां बाद में वो वाइस प्रेसिडेंट भी बने। उसके बाद दिसंबर 1990 से जून 1994 तक डीई शॉ एंड कंपनी में काम किया, जो एक इन्वेस्टमेंट फर्म थी।
जून 1994 में बेजोस ने डीई शॉ कंपनी से रिजाइन दिया और 5 जुलाई 1994 को अमेजन की शुरुआत की। अब वापस लौटते हैं 2010 में। प्रिंसटन यूनिवर्सिटी में भाषण देते वक्त बेजोस ने बताया, 'मैं अपनी नौकरी छोड़ना चाहता था और कुछ अलग करना चाहता था। मेरी पत्नी चाहती थी कि मैं अपना सपना पूरा करूं।'
बेजोस ने अपने आइडिया को अपने बॉस के साथ शेयर किया था। इसपर उनके बॉस ने कहा, 'आइडिया तो अच्छा है, लेकिन ये उनके लिए है, जिनके पास कोई काम नहीं है।' बेजोस ने इस वाकये का जिक्र करते हुए बताया, 'मैंने इस बात पर बहुत सोचा और काफी सोचने के बाद मैंने फैसला लिया कि मुझे अपना सपना पूरा करना है। मैं इस बात पर पछतावा नहीं करना चाहता था कि मैंने कोशिश ही नहीं की, लेकिन अगर मैं कोशिश नहीं करता तो मुझे पछतावा जरूर होता। मुझे अपने फैसले पर गर्व है।'
1994 में बेजोस ने एक गैराज से अमेजन की शुरुआत की थी। शुरुआत में यहां पुरानी किताबें ही बिकती थीं। जुलाई 1995 में इसकी वेबसाइट भी आ गई। अमेजन की रिपोर्ट के मुताबिक, 1997 के आखिर तक कंपनी के पास 150 से ज्यादा देशों में 15 लाख से ज्यादा ग्राहक थे। हालांकि, कंपनी शुरू करने के पहले ही साल कंपनी को 16 लाख रुपए से ज्यादा का घाटा हुआ था।
कंपनी की शुरुआत के अगले कुछ सालों तक कंपनी घाटे में ही रही। लेकिन, बाद में कंपनी को हर साल जबर्दस्त मुनाफा होता रहा। 2019 में ही कंपनी को 19.63 लाख करोड़ रुपए का रेवेन्यू मिला था और 81 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का फायदा हुआ था।