अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में वहां रह रहे भारतीयों को रिझाने की दोनों तरफ से कोशिश की जा रही है। उपराष्ट्रपति पद के लिए डेमोक्रेटिक ने कमला हैरिस को चुनाव मैदान में उतारा है, वहीं अब डोनाल्ड ट्रंप की पार्टी रिपब्लिकन ने निक्की हेली को उनका जवाब देने के लिए स्टार स्पीकर बनाकर मुकाबला रोचक बना दिया है।
रिपब्लिकन सम्मेलनों के उद्घाटन समारोह के दौरान बोलेते हुए निक्की हेली कहा कि मैं भारतीय प्रवासियों की गौरवशाली बेटी हूं। उन्होंने कहा कि “वे अमेरिका आए और एक छोटे से दक्षिणी शहर में बस गए। मेरे पिता ने पगड़ी पहनी थी। मेरी मां ने साड़ी पहनी थी। मैं एक ब्लैक एंड व्हाइट दुनिया में एक भूरी लड़की थी।”
उन्होंने कहा, “हमें भेदभाव और कठिनाई का सामना करना पड़ा। लेकिन मेरे माता-पिता ने कभी शिकायत और नफ़रत नहीं की। मेरी मां ने एक सफल व्यवसाय बनाया। मेरे पिताजी ने ऐतिहासिक रूप से ब्लैक कॉलेज में 30 साल तक पढ़ाया और दक्षिण कैरोलिना के लोगों ने मुझे अपनी पहली अल्पसंख्यक और पहली महिला गवर्नर के रूप में चुना।”
अमृतसर से अमेरिका आए थे निक्की हेली के माता-पिता
साउथ कैरोलिना में जन्मीं निक्की हेली का मूल नाम निम्रता रंधावा था। उनके पिता अजीत सिंह रंधावा और माता राज कौर रंधावा पंजाब के अमृतसर से यहां आए थे। एक बयान में ट्रंप कैंपेन ने कहा, 'चार दिनों तक चलने वाला प्रेसिडेंट ट्रंप 2020 कंवेंशन महान अमेरिकी इतिहास का सम्मान करेगा। इस दौरान 'मेक अमेरिका ग्रेट अगेन' के एजेंडे को भी सबके सामने रखा जाएगा।' निक्की हेली के अलावा सम्मेलन के पहले दिन राष्ट्रपति ट्रंप के बेटे डोनाल्ड ट्रंप जूनियर और किंबर्ली गुइलफॉयल भी लोगों को संबोधित करेंगी। प्रथम महिला मेलानिया ट्रंप सम्मलेन को व्हाइट हाउस स्थित रोज गार्डन से बुधवार को संबोधित करेंगी। ऐसा अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के इतिहास में पहली बार होगा।
अमेरिकियों पर रहेगा ट्रंप का फोकस
पार्टी के चार दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान ट्रंप का मुख्य फोकस अमेरिकी लोगों पर होगा। यह बात व्हाइट हाउस के चीफ ऑफ स्टाफ मार्क मीडॉज ने फाक्स न्यूज को दिए एक साक्षात्कार में कही। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप को चुनौती देने वाले बिडेन के पास बताने के लिए कुछ नहीं है। यह चीज डेमोक्रेटिक पार्टी के राष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान उनके भाषण में भी दिखाई दी। जब हम उनका भाषण देखते हैं तो यह लगभग वर्ष 2008 जैसा दिखाई देता है। ट्रंप ने प्रत्येक दिन कुछ न कुछ नया किया है। जबकि जो बिडेन बामुश्किल दो बिल ही पारित करा पाए। ट्रंप ने अपने शुरुआती 100 दिनों में इतना काम कर दिया जितना कि बिडेन अपने 40 साल के राजनीतिक करियर में नहीं कर पाए।