अमेरिका में अश्वेतों के साथ ज्यादती का मामला एक बार फिर सामने आया है। विस्कॉन्सिन शहर के केनेशा इलाके में रविवार को दो पुलिसकर्मियों ने अश्वेत जैकब ब्लैक को उसके बच्चों के सामने पीठ पर कई गोलियां मार दीं। उसे अस्पताल में भर्ती किया गया है, जहां उसकी हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है। अभी यह खुलासा नहीं हुआ है कि उसे गोली क्यों मारी गई।
जैकब के वकील बेन क्रम्प ने इस पूरी घटना का एक वीडियो भी शेयर किया है। इसमें पुलिसकर्मी एक एसयूवी में घुसने की कोशिश करने के बाद जैकब पर गोलियां चलाते नजर आ रहे हैं। घटना से नाराज लोगों ने केनोशा कोर्टहाउस के सामने प्रदर्शन किया। इसे देखते हुए इलाके में कर्फ्यू लगा दिया गया है।
प्रदर्शनकारियों को राेकने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे
सोमवार को प्रदर्शन कर रहे लोगों ने पब्लिक सेफ्टी बिल्डिंग में घुसने की कोशिश की। इसके पहले रविवार की रात सैकंडों लोगों ने पुलिस हेडक्वार्टर तक रैली निकाली। लोगों ने जैकब पर गोली चलाने वाले अफसरों पर कार्रवाई की मांग की। प्रदर्शनकारियों ने पब्लिक प्रॉपर्टीज को नुकसान पहुंचाया। कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया। भीड़ को रोकने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने पड़े। फिलहाल इलाके में नेशनल गार्ड के 200 जवानों को तैनात किया गया है। गवर्नर टोनी एवर्स ने लोगों को शांति से प्रदर्शन करने की अपील की है।
जैकब के समर्थन में सड़कों पर उतरे लोगों ने सोमवार को कई पब्लकि प्रॉपर्टीज को नुकसान पहुंचाया।
पुलिस ने मामले की जांच शुरू की
केनोशा पुलिस ने विस्कॉन्सिन क्रिमिनल इन्वेस्टिगेशन डिविजन को जांच करने के लिए कहा है। जांच केनोश के काउंटी डिप्टी शेरिफ की अगुआई में होगी। इसकी रिपोर्ट डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी मिशेल डी ग्रेवली को सौंपी जाएगी। इसके बाद ग्रेवली ही फैसला लेंगे कि अफसरों पर कौन से आरोप लगाए जाएंगे। अटॉर्नी ग्रेवली ने कहा है कि फिलहाल जांच शुरुआती चरण में है। इस बीच ऐसी खबरें आ रही हैं कि गोली चलाने वाले पुलिस अफसर को छुट्टी पर भेज दिया गया है।
प्रदर्शन करने वालों को पब्लिक सेफ्टी बिल्डिंग में घुसने से रोकने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने पड़े।
12 जून को भी एक अश्वेत को गोली मारी गई थी
अमेरिका में बीते 2 महीने में किसी अश्वेत पर पुलिस के गोली चलाने का यह दूसरा मामला है। इससे पहले 12 जून को अटलांटा के जॉर्जिया में गिरफ्तारी के दौरान 27 साल के रेशर्ड ब्रूक्स को अफसर ने गोली मार दी थी। घटना के बाद अटलांटा की पुलिस चीफ ने इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद भी लोगों ने प्रदर्शन किए थे। पुलिस ने दावा किया था कि ब्रूक्स एक अफसर की टेजर (छोटी गन) छीनकर भागा था और पीछा करने वाले एक अफसर पर तान दी थी। इसके बाद उसे गोली मारी गई थी।
प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए केनोश काउंटी कोर्टहाउस के सामने तैनात एक पुलिसकर्मी।
25 मई को अश्वेत फ्लॉयड की मौत हो गई थी
मिनेपोलिस में 25 मई को जॉर्ज फ्लॉयड (40) को पुलिस ने धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार किया था। एक पुलिस अफसर ने उसे सड़क पर दबोचा और अपने घुटने से उसकी गर्दन को करीब 9 मिनट तक दबाए रखा। थोड़ी देर में उसकी हरकत बंद हो जाती है। उसे अस्पताल ले जाया जाता है। वहां डॉक्टर कहते हैं कि उसकी मौत हो चुकी है। फ्लॉयड के हाथों में हथकड़ी थी। वह गुहार लगाता रहा, लेकिन पुलिस वाले ने घुटना नहीं हटाया।
प्रदर्शनकारियों ने सोमवार को भी विरोध जारी रखा। कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया।
फ्लॉयड के समर्थन में दुनियाभर में विरोध
फ्लॉयड की मौत के बाद इस घटना का जोरदार विरोध हुआ। अकेले अमेरिका में ही 140 शहरों में प्रदर्शन हुए। सरकार को 40 शहरों में कर्फ्यू लगाना पड़ा। ब्रिटेन, जर्मनी, फ्रांस, स्पेन, इटली, ऑस्ट्रेलिया, जापान, डेनमार्क, नीदरलैंड्स, फिनलैंड और दक्षिण अफ्रीका में भी हजारों लोग विरोध जताने सड़कों पर उतरे।