चेन्नई: लेबनान (Lebanon) की राजधानी बेरूत (Beirut) जिस लापरवाही के चलते ‘परमाणु बम’ जैसे धमाके का शिकार हुई, वैसी ही लापरवाही चेन्नई (Chennai) में बरती जा रही है. ऐसे में यह सवाल खड़ा हो गया है कि क्या सरकार चेन्नई को बेरूत बनाना चाहती है?
प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई है कि बेरूत में अत्यधिक विस्फोटक अमोनियम नाइट्रेट (Ammonium Nitrate) के भंडारण में लापरवाही बरती गई, जिसके चलते हादसा हुआ. चेन्नई में भी करीब 700 टन अमोनियम नाइट्रेट गोदाम में पड़ा हुआ है, जो कभी भी बड़े हादसे की वजह बन सकता है.
जानकारी के मुताबिक, इस विस्फोटक रसायन के कई कंटेनरों को 2015 में जब्त किया गया था, क्योंकि इम्पोर्ट करने वाली निजी कंपनी ने इसके लिए अनुमति नहीं ली थी. जब्त अमोनियम नाइट्रेट की कीमत लगभग 1.80 करोड़ रुपये है. इतनी बड़ी मात्रा में अमोनियम नाइट्रेट के भंडारण को लेकर कई बार चिंता जताई जा चुकी है, लेकिन बात ‘चिंता’ से आगे नहीं बढ़ी. अब बेरूत हादसे ने एक बार फिर से इस ओर ध्यान खींचा है. एक छोटी से चिंगारी पूरे चेन्नई को धहला सकती है, लिहाजा यह जरूरी है कि समय रहते कदम उठाये जाएं.
पट्टाली मक्कल काची (पीएमके) के प्रमुख एस रामदॉस ने एक ट्वीट में दावा किया है कि 740 टन अमोनियम नाइट्रेट चेन्नई बंदरगाह पर पड़ा हुआ. उनकी मांग है कि लेबनान हादसे से सबक लेते हुए जल्द से जल्द इसके निपटान पर फैसला लिया जाए. रामदॉस ने अपने ट्वीट में कहा, ‘खबर है कि चेन्नई बंदरगाह के पास एक गोदाम में 5 साल से 740 टन अमोनियम नाइट्रेट भरा हुआ है, जो कि खतरनाक साबित हो सकता है’.