मुंबई में बाढ़ जैसे हाल, राज्य में एनडीआरएफ की 20 टीमें तैनात; बारिश के रेड अलर्ट के बीच प्रधानमंत्री मोदी ने मुख्यमंत्री ठाकरे से बात की

Posted By: Himmat Jaithwar
8/6/2020

मुंबई में मंगलवार से लगातार रुक-रुक कर बारिश हो रही है। गुरुवार सुबह भी पूरे शहर में बाढ़ जैसे हालात देखे जा रहे हैं। सड़कें पानी में डूबी हैं। निचले इलाकों में घरों में पानी पहुंच गया है। कोरोना संक्रमण काल में बीएमसी के कर्मचारी पानी में आधा डूबकर ड्यूटी कर रहे हैं। मुंबई में अगले कुछ घंटे के लिए भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। मुंबई, ठाणे और पालघर में आज के लिए रेड अलर्ट है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने लोगों से आज घर से नहीं निकलने की अपील की है।

मुख्यमंत्री ने बीएमसी और एनडीआरएफ के अधिकारियों के साथ बैठक की। पूरे महाराष्ट्र में एनडीआरएफ की 15 और सिर्फ मुंबई में 5 टीमों को तैनात किया गया है। मुंबई में पूरी रात एनडीआरएफ की टीम फंसे लोगों को निकालने की कोशिश करती रही। कामकाजी दिन होने के कारण आज भी दफ्तर जाने वालों को दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।

बारिश के कारण मुंबई के बायकुला इलाके में सड़कें तालाब बन चुकी हैं। कई जगह गाड़ियां पानी में डूबी हुई हैं।

मुंबई के इन इलाकों में दिखा सबसे ज्यादा असर
फोर्ट, चर्चगेट, मरीन ड्राइव, गिरगाम, ब्रीच कैंडी, पेडर रोड, हाजी अली जैसे इलाकों में जल-जमाव की सूचना है। चर्नी रोड में विल्सन कॉलेज के सामने, गिरगांव, बाबुलनाथ एरिया, पेडर रोड, बालकेश्वर एरिया में सड़कों पर पानी भरा रहा। इनमें से कई क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति में व्यवधान भी देखा गया है। जेजे अस्पताल के कैजुअल्टी वार्ड में पानी घुस गया है। दक्षिण मुंबई के कुछ अस्पताल भी बारिश के कारण प्रभावित हुए हैं। भारी बारिश से जसलोक अस्पताल की इमारत का कुछ हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया है।

सड़कों पर बाढ़ जैसी स्थिति के बाद लोग पानी से बचने के लिए ब्रिज के सहारे आगे बढ़ते नजर आये।

प्रधानमंत्री ने हरसंभव मदद का वादा किया
बुधवार देर शाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से बात की और मुंबई में बारिश से बिगड़े हालातों के बारे में जानकारी ली। पीएम ने ठाकरे को हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया है।

मुंबई में बारिश का 46 साल का रिकॉर्ड टूटा है।

स्टेडियम और स्टॉक एक्सचेंज को भी हुआ नुकसान
भारी बारिश के बीच हवाओं की गति इतनी तेज थी कि जेएनपीटी में भारी-भरकम क्रेन तक पलट गई। इसी तरह बंबई शेयर बाजार की इमारत पर लगा उसके नाम का बोर्ड बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुआ है। डीवाई पाटिल स्टेडियम को भी क्षति पहुंची और कई रेलिंग हवा में उड़ गईं। दक्षिण मुंबई में वानखेड़े स्टेडियम की हाइ मास्ट लाइट वाले खंभे तेज हवा के साथ हिलते दिखाई दिए। दक्षिण मुंबई में स्थित जसलोक अस्पताल के भवन की बाहरी दीवारों पर लगी सीमेंट की टाइलें भी गिर गईं।

मुंबई के मस्जिद बंदर और बायकुला रेलवे स्टेशन के बीच फंसी लोकल ट्रेन के यात्रियों को निकालने का प्रयास करती एनडीआरएफ की टीम।

एनडीआरएफ ने 290 यात्रियों को सुरक्षित निकाला
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने दो लोकल ट्रेनों में फंसे 290 यात्रियों को सुरिक्षत तरीके से बाहर निकाल लिया है। सूत्रों के मुताबिक, राज्य के सामाजिक न्याय मंत्री धनंजय मुंडे समेत दर्जनों अन्य लोग यहां ईस्टर्न फ्रीवे पर ट्रैफिक में करीब साढ़े तीन घंटे फंसे रहे। वह यहां यशवंतराव चव्हाण केंद्र में राकांपा नेताओं की एक बैठक में शामिल होने जा रहे थे।

सड़कों पर लोग गाड़ियों को खींचते हुए नजर आए।

बारिश का 46 साल पुराना रिकॉर्ड टूटा
बुधवार को मुंबई की बारिश का हाल निसर्ग तूफान के दिन से भी ज्यादा खतरनाक नजर आया। कोलाबा में 46 साल बाद अगस्त में 12 घंटे में 294 एमएम बारिश हुई। इससे दक्षिण मुंबई में बरसों बाद सड़कों पर बहुत पानी दिखा। अगस्त महीने में कोलाबा में 1974 में सबसे अधिक बारिश का रिकॉर्ड 262 एमएम का था, जबकि बुधवार को यहां 293.8 एमएम बारिश दर्ज की गई। पिछले दो दिन से जारी बारिश बुधवार को और बढ़ गई। तेज हवाओं और बारिश के कारण मुंबई में जनजीवन प्रभावित हुआ।

बुधवार को बारिश में मुंबई के कई इलाकों में बसें पानी में डूबी नजर आईं।

कोविड-हेल्थ सेंटर में घुसा पानी
भाईंदर पूर्व में बने प्रमोद महाजन कोविड हेल्थ सेंटर का सोमवार को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने ई-उद्घाटन किया था। इस सेंटर में करोड़ों रुपए की लागत के साथ एक अस्थायी शेड बनाया गया है, जिसमें दवाइयां और अन्य मेडिकल उपकरण लगे थे, लेकिन कुछ घंटे की बारिश के बाद इसमें भी पानी घुस गया और यहां भर्ती मरीजों को शिफ्ट करना पड़ा।

शहर के कई इलाकों में पेड़ और मोबाइल टावर गिरने की जानकारी सामने आई है।

पालघर में बाढ़ में फंसे 22 लोग बचाए गए
महाराष्ट्र की पालघर ग्रामीण पुलिस ने जिले में भारी बारिश के बाद बाढ़ की स्थिति के बीच 22 लोगों को सकुशल बचा लिया। इनमें पांच वर्षीय एक बच्ची भी शामिल है जो पेड़ पर चढ़ गई थी और चार घंटे से भी ज्यादा समय तक वहीं फंसी रही।

बारिश के कारण सबसे ज्यादा दिक्कत दफ्तर जाने वालों को हुई।
मुंबई के किंग सर्कल इलाके में भारी बारिश के कारण बाढ़ जैसी स्थिति नजर आई।



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