सड़कों पर बिखरे मांस के लोथड़े, मलबे का ढेर हुई इमारतें; धमाके की तीव्रता इतनी जैसे 4.5 से ज्यादा तीव्रता का भयानक भूकम्प आया हो

Posted By: Himmat Jaithwar
8/5/2020

लेबनान की राजधानी बेरुत में मंगलवार शाम स्थानीय समय के अनुसार शाम 6 बजे हुए धमाके ने 10 किलोमीटर से ज्यादा इलाका तबाह कर दिया है। ये धमाका हादसा है या आतंकी साजिश इस बारे में अभी पुख्ता जानकारी नहीं है।

इस धमाके में करीब आधा शहर वीरान हो गया है। यहां की सड़कों पर लाशों के चीथड़े बिखरे हैं। पोर्ट के पास के इलाके के घर और बड़ी इमारतें मलबे का ढेर बन चुकी हैं। घायलों को संभालने वाला कोई नहीं है क्योंकि अस्पतालों को भी बहुत नुकसान पहुंचा है और वहां जगह नहीं बची है।

धमाके में सामने आई तीन बड़ी बातें

  • जॉर्डन की सिस्मोलॉजी ऑब्जरवेटरी के एक्सपर्ट इस धमाके की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.5 तीव्रता के भूकम्प से ज्यादा बता रहे हैं। अंदाजा लगाया जा रहा है कि धमाके की तीव्रता करीब 1000 टन TNT विस्फोटक के बराबर थी। यह एक छोटे न्यूक्लियर ब्लास्ट जितनी होती है।
  • धमाके बाद आसमान में मशरूम के आकार का बादल बना, जो पहले सफेद था और फिर अचानक नारंगी रंग का हो गया। डेली मेल ने इस बादल को न्यूक्लियर विस्फोट के बादल जैसा बताया है। हालांकि, अभी विस्फोटक के प्रकार की पुष्टि होना बाकी है।
  • विस्फोट एक क्रम में शुरू हुए और लोगों को लगा कि बेरुत पोर्ट के पटाखा गोदाम में आग लगी है। इसके बाद अचानक तेज धमाका हुआ और उसने पूरे शहर को चपेट में ले लिया। धमाके के बाद नाइट्रिक एसिड के बादल भी बने हैं।

ऐसा थी लेबनान की राजधानी बेरुत

  1. बेरुत (बेयरूत) लेबनान की राजधानी और सबसे बड़ा शहर है। 20 वर्ग किमी में फैले इस शहर की आबादी करीब 20 लाख है। यहां करीब 50 फीसदी मुस्लिम और 30 फीसदी ईसाई रहते हैं।
  2. यह लेबनान के भूमध्य सागर के साथ लगे तट के लगभग मध्य में एक छोटे से प्रायद्वीप पर बसा हुआ है और लेबनान की प्रमुख बंदरगाह भी है। एक तरफ सीरिया और इसके दूसरी तरफ इजरायल है।
  3. राजधानी होने के साथ-साथ यह लेबनान का सांस्कृतिक, राजनैतिक, सामाजिक और आर्थिक केंद्र भी है। यहां का पोर्ट देश की लाइफलाइन कहा जाता है जो धमाके में तबाह हो गया।
  4. यह शहर लम्बे अरसे से अपनी ज़िन्दादिली के लिए जाना जाता था लेकिन दो दशक तक चले लेबनानी गृह युद्ध में इसे बहुत हानि पहुंची।
  5. गृह युद्ध समाप्त होने के बाद इसे फिर से बसाया गया और अब यहां सैलानी फिर से आने लगे थे। हालांकि अमेरिकी प्रतिबंधों और कोरोना के कारण इसकी हालत पहले से खराब है।

सोशल मीडिया पर धमाके की डराती तस्वीरें और #PrayforBeirut की अपील



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