अमेरिकी अंतरिक्ष कंपनी स्पेस-एक्स का क्रू ड्रैगन कैप्सूल भारतीय समयानुसार सोमवार रात 12 बजकर 18 मिनट पर मैक्सिको की खाड़ी में लैंड कर गया। इसमें दो अंतरिक्ष यात्री भी सकुशल वापस आ गए। लैंड करने के लिए अंतरिक्ष यात्रियों ने पैराशूट का इस्तेमाल किया।
इस कैप्सूल में सवार अंतरिक्ष यात्रियों में रॉबर्ट बेनकेन और डगलस हर्ले शामिल हैं। डगलस हर्ले ने रेडियो पर बातचीत में वापसी को लेकर खुशी जाहिर की थी। उन्होंने कहा,"यह वास्तव में हमारे लिए सम्मान की बात है।" हालांकि, इसके बाद उनसे रेडियो संपर्क टूट गया था। रॉबर्ट बेनकेन और डगलस हर्ले की करीब 63 दिन बाद धरती पर वापसी हुई। दोनों एस्ट्रोनॉट अपने साथ एक अमेरिकन फ्लैग लेकर लौटे, जिसे 9 साल पहले अंतरिक्ष में भेजा गया था।
45 साल बाद कोई स्पेसशिप समुद्र की सतह पर उतरा
45 साल बाद कोई अमेरिकी स्पेसशिप समुद्र की सतह पर उतरा। इसे अंतरिक्ष वैज्ञानिकों की भाषा में स्प्लेश लैंडिंग कहा जाता है। इससे पहले 24 जुलाई 1975 को अपोलो सोयूज टेस्ट प्रोजेक्ट के तहत ऐसा किया गया था। यह स्पेस मिशन अमेरिका और सोवियत यूनियन ने मिलकर लॉन्च किया था।
नासा ने लैंडिंग का वीडियो जारी किया
स्पेस-एक्स के क्रू ड्रैगन कैप्सूल के इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (आईएसएस) से धरती के लिए रवाना होते ही नासा ने इसका वीडियो जारी किया था। इसके बाद लैंडिंग के दौरान भी कई वीडियो जारी किए गए हैं। इससे दो अमेरिकी एस्ट्रोनॉट
ड्रैगन कैप्सूल की नजदीक से वीडियो -
आईएसएस) से धरती के लिए रवाना होने पर भी जारी किया था वीडियो -
मई में अंतरिक्ष में भेजा गया था स्पेस-एक्स
30 मई की रात करीब 1 बजे (भारतीय समयानुसार) अमेरिका के कैनेडी स्पेस सेंटर से क्रू ड्रैगन को फॉल्कन-9 रॉकेट के जरिए लॉन्च किया गया था। 19 घंटे बाद यह आईएसएस पहुंच गया था। इस मिशन को ‘क्रू डेमो-2’ और रॉकेट को ‘की ड्रैगन’ नाम दिया गया। 21 जुलाई 2011 के बाद पहली बार अमेरिकी धरती से कोई मानव मिशन अंतरिक्ष में भेजा गया था। यह स्पेस मिशन अमेरिका के लिए अहम हैं।
बेनकेन और हर्ले ने चार बार स्पेस-वॉक किया
62 दिनों तक आईएसएस पर रहने के दौरान ड्रैगन कैप्सूल से आईएसएस पहुंचे एस्ट्रोनॉट बेनकेन और हर्ले ने 100 घंटे अंतरिक्ष में काम किए। इन्होंने चार बार स्पेस-वॉक किया। अंतरिक्ष से लोगों से बातचीत के कार्यक्रमों में हिस्सा लिया। दोनों एस्ट्रोनॉट ने आईएसएस के पावर ग्रिड में नई बैट्रियां लगाने और हार्डवेयर से जुड़े दूसरे कामों में मदद की।
ड्रैगन कैप्सूल से आईएसएस पहुंचे एस्ट्रोनॉट बेनकेन और हर्ले ने 100 घंटे अंतरिक्ष में काम किया।
20 साल से आईएसएस मिशन पर काम चल रहा था
- नासा 2000 के दशक की शुरुआत से ही आईएसएस पर मिशन पर काम कर रहा है। हालांकि, 2011 में उसने अपने रॉकेट से यह लॉन्चिंग करना बंद कर दी थी। इसके बाद इसके बाद अमेरिकी स्पेस-क्राफ्ट रूस के रॉकेटों से भेजे जाने लगे।
- रूसी रॉकेट से लॉन्चिंग का खर्च लगातार बढ़ रहा था, ऐसे में अमेरिका ने स्पेस-एक्स को बड़ी आर्थिक मदद देकर अंतरिक्ष मिशन के लिए मंजूरी दी। इस कंपनी ने 2012 में पहली बार अंतरिक्ष में अपना कैप्सूल भेजा।
- स्पेस-एक्स अमेरिकी बिजनेसमैन एलन मस्क की कंपनी है। इसकी स्थापना 2002 में की गई थी। इसका मकसद अंतरिक्ष में ट्रांसपोर्टेशन की लागत को कम करना है। साथ ही मंगल ग्रह पर इंसानी बस्तियां बनाना भी है।