'मंगल' पर इंसान के पहले कदम का 'काउंटडाउन' शुरू, NASA ने पूरी कर ली तैयारी

Posted By: Himmat Jaithwar
7/30/2020

नई दिल्ली: मंगल ग्रह पर 8 सफल लैंडिंग के बाद अब अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA एक नया मिशन लॉन्च करने जा रहा है. तैयारी मंगल ग्रह पर हेलिकॉप्टर को उड़ाने की है. इस हेलीकॉप्टर को Ingenuity नाम दिया गया है और रोवर की मदद से मंगल ग्रह से पत्थर और मिट्टी को धरती पर लाने की तैयारी है. नासा के इस मिशन का नाम है मार्स 2020.

मार्स मिशन 2020 के तहत नासा अपना 1000 किलो के वजन वाला रोवर मंगल पर भेज रहा है. कोरोना काल में ये अमेरिका की स्पेस एजेंसी की बड़ी तैयारी है. नासा Perseverance नाम के रोवर के लॉन्चिंग की तैयारी कर रहा है. ये रोवर नासा के सतह पर पुराने जीवन की जानकारी इकठ्ठा करेगा. इसके अलावा ये रोवर मंगल की सतह से पत्थर और मिट्टी को धरती पर भी लेकर आएगा.

इस रोवर के साथ Ingenuity नाम का एक छोटा हेलिकॉप्टर भी जा रहा है. जो मंगल की सतह पर अकेले उड़ान भरने का प्रयास करेगा.  मंगल के वातावरण के बीच उड़ान भरने के दौरान ये हेलिकॉप्टर सतह से 10 फीट ऊंचा उठेगा. 

और एक बार में 6 फीट आगे तक जाएगा. हर प्रयास के साथ यह और आगे बढ़ने की कोशिश करेगा. मंगल ग्रह पर यान भेजने का मौका 26 महीने में एक बार आता है. ये NASA का अब तक का सबसे महत्वाकांक्षी अभियान है.

NASA को 'मंगल' हेलीकॉप्टर का भारतीय कनेक्शन
आपको ये जानकर खुशी होगी कि नासा के इस हेलीकॉप्टर के चीफ इंजीनियर भारतीय मूल के बॉब बलराम हैं. 1980 में IIT चेन्नई से पासआउट बॉब का कहना है एक महीन सी गलती से मिशन का अंत हो सकता है. इस रोवर में लगे पहले हेलिकॉप्टर Ingenuity को ये नाम भारतीय मूल की छात्रा ने दिया है.

कहा जा रहा है कि ये राइट ब्रदर्स की पहली उड़ान जितना ही रोमांचकारी होगा. इस दौरान इस हेलिकॉप्टर के पास उड़ान भरने के लिए 1 महीने का समय होगा. इसके सफल होने के बाद भविष्य में अंतरिक्ष यात्रियों और रोबोट्स को मंगल ग्रह पर ऐसे हेलिकॉप्टर्स के जरिए एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने की कोशिश की जा सकती है. विंग टेक्नॉलजी एक्सपर्ट वेन जॉनसन ने नासा के मार्स हेलीकॉप्टर  Ingenuity को टेस्ट करने में अहम भूमिका निभाई है. 

Perseverance रोवर अत्याधुनिक लैंडिंग तकनीकी से लैस है. इसके अलावा इस रोवर में कई कैमरे और माइक्रोफोन लगे हैं, जो मंगल ग्रह की तस्वीरें और वहां की आवाज को रिकॉर्ड करेंगे. इसमें लगे सुपर-सैनिटाइज्ड सैंपल रिटर्न ट्यूब्स चट्टानों से नमूने इकट्ठा करेंगे जिससे मंगल पर प्राचीन काल में मानव जीवन होने का सबूत ढूंढा जाएगा.

उम्मीद यही है कि NASA का रोवर 18 फरवरी, 2021 को मंगल पर पहुंचेगा. इसमें 7 अलग-अलग साइंटिफिक इंस्ट्रुमेंट्स होंगे और यह केप कनेवरल एयर फोर्स स्टेशन से लिफ्ट ऑफ होगा.




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