जीवीके ग्रुप ऑफ कंपनीज के प्रमोटर्स के मुंबई और हैदराबाद के ठिकानों पर ईडी के छापे, 705 करोड़ रुपए की हेराफेरी का आरोप

Posted By: Himmat Jaithwar
7/28/2020

जीवीके ग्रुप ऑफ कंपनीज के चेयरमैन जी वेंकट कृष्णा (जीवीके) रेड्डी और उनके बेटे जीवी संजय रेड्डी और कंपनी के प्रमोटर के कई ठिकानों (9-12) पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने छापेमारी की। यह कार्रवाई मुंबई और हैदराबाद में कृष्णा रेड्डी और उनके बेटे और रिश्तेदारों के घर और दफ्तरों पर की गई। दोनों के खिलाफ जून में सीबीआई ने एफआईआर दर्ज की थी। जीवीके ग्रुप पर मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट के डेवलपमेंट में 705 करोड़ रुपए की हेराफेरी का आरोप है।

एफआईआर में 9 कंपनियों के नाम
सीबीआई की एफआईआर में एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के कुछ अफसरों, मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड, जीवीके एयरपोर्ट होल्डिंग्स लिमिटेड समेत 9 प्राइवेट कंपनियों के भी नाम हैं। इससे पहले सीबीआई ने मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट और जीवीके रेड्डी के मुंबई और हैदराबाद स्थित ठिकानों समेत 6 जगहों पर तलाशी ली थी।

जीवीके एयरपोर्ट होल्डिंग्स लिमिटेड, एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एएआई) और कुछ विदेशी कंपनियों ने जॉइंट वेंचर में मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (एमआईएएल) नाम से कंपनी बनाई थी। इसके 50.5% शेयर जीवीके के पास और 26% एएआई के पास हैं।

जीवीके ग्रुप पर आरोप- फर्जी कॉन्ट्रैक्ट दिखाकर घोटाला किया
एफआईआर के मुताबिक, आरोपियों ने 2012 से 2018 के बीच मुंबई एयरपोर्ट के डेवलपमेंट के नाम पर घोटाला किया। जीवीके ग्रुप ने एमआईएएल के सरप्लस फंड में से 395 करोड़ रुपए अपनी दूसरी कंपनियों में लगाए। एमआईएएल के मुंबई बेस्ड होने के बावजूद सरप्लस फंड को हैदराबाद के बैंकों में रखा। इस हेराफेरी के लिए बोर्ड मीटिंग का फर्जी प्रस्ताव तैयार किया गया। दूसरी ओर फर्जी कॉन्ट्रैक्ट दिखाकर 310 करोड़ की हेराफेरी की गई।

एमआईएएल सालाना रेवेन्यू का 38.7% एएआई को देती है
एएआई और एमआईएएल के बीच 2006 में एग्रीमेंट हुआ था कि मुंबई एयरपोर्ट को एमआईएएल चलाएगी और सालाना रेवेन्यू का 38.7% एएआई को फीस के तौर पर देगी। बाकी रकम एयरपोर्ट के मॉडर्नाइजेशन, ऑपरेशन और मेंटेनेंस में खर्च की जाएगी।



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