कोविड-19 महामारी को रोकने के लिए दुनियाभर में 140 से ज्यादा वैक्सीन बन रही हैं। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) के अनुसार, कई वैक्सीन अब फेज 2 ट्रायल से आगे बढ़ चुकी हैं। ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी (Oxford University), मॉडर्ना (Moderna), एस्ट्रा-जेनेका (Astra-Zeneca), कैनसिनो (CanSino), साइनोफार्म (Sinopharm) समेत आधा दर्जन वैक्सीन्स ऐडवांस्ड फेज में हैं। भारत में भी दो वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल चल रहा है। इस बीच दुनिया के आठ देश एक साथ आए हैं कि अगर कोई वैक्सीन डेवलप हो तो उसका एक्सेस पूरी दुनिया को मिला। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने एक ट्वीट में कहा है, "जब हमें वैक्सीन मिले तो हमें साथ मिलकर यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हर जगह के लोगों को उसका एक्सेस मिले।" दूसरी तरफ, कनाडा और अमेरिका ने रूस पर वैक्सीन ट्रायल का डेटा हैक करने के आरोप लगाए हैं।
शेड्यूल से पहले शुरू होगा जॉनसन एंड जॉनसन का ट्रायल
जॉनसन एंड जॉनसन ने कहा है कि वह अपनी कोरोना वैक्सीन का लेट-स्टेज ह्यूमन ट्रायल सिंतबर से शुरू करेगी। कंपनी अगले हफ्ते से फेज 1 ट्रायल शुरू करने की बात कही है। इसमें 1,000 से ज्यादा वॉलंटिअर्स को वैक्सीन की डोज दी जाएगी। इसके अलावा नीदरलैंड्स, स्पेन और जर्मनी में भी इस वैक्सीन पर स्टडी करने की प्लानिंग है।
अप्रूवल से पहले ही चीनी कंपनी ने टेस्ट कर ली वैक्सीन
चीन की एक कंपनी ने कथित तौर पर एक एक्सपेरिमेंटल कोविड-19 वैक्सीन अपने कर्मचारियों को दे दी। वह भी जब, जब उसे ह्यूमन ट्रायल्स की परमिशन नहीं मिली थी। इसी से पता चलता है कि दुनियाभर में सबसे पहले वैक्सीन डेवलप करने की कितनी खतरनाक रेस चल रही है।
ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी से जगीं दोहरी उम्मीदें
ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स का मानना है कि उनकी वैक्सीन कोरोना वायरस के प्रति 'डबल प्रोटेक्शन' देती है। वॉलंटिअर्स के ब्लड सैंपल्स की जांच पर पता चला कि उनके शरीर में न सिर्फ ऐंटीबॉडीज बनीं, बल्कि T सेल्स भी तैयार हुईं। ये बात अहम इसलिए हैं क्योंकि कई स्टडीज बताती हैं कि ऐंटीबॉडीज तो कुछ महीनों में खत्म होने लगती हैं लेकिन T सेल्स सालों तक सर्कुलेशन में रहती हैं। इस बारे में और जानकारी सोमवार को मिलेगी जब 'द लैंसेट' में वैक्सीन के ह्यूमन ट्रायल का शुरुआती डेटा छपेगा।
कोरोना पर वार कर सकता है बीसीजी का टीका
नैशनल इंस्टीट्यूट फॉर रिसर्च इन ट्यूबरक्यूलोसिस ने टीवी वैक्सीन का कोरोना मरीजों पर ट्रायल शुरू किया है। यह वैक्सीन कोरोना हॉटस्पॉट्स में बुजुर्ग मरीजों को दी जा रही है। छह सेंटर्स पर 60 से 99 साल की उम्र वाले मरीजों पर ट्रायल हो रहा है। कुछ रिसर्च में यह बात सामने आई है 80 साल पुरानी टीबी वैक्सीन न सिर्फ टीबी से बचाती है, बल्कि सांस से जुड़े कई और इन्फेक्शंस से भी बचाव करती है। स्टडी में कोरोना पर इसके असर को जांचा जाएगा।
रूस ने हैक कर लिया वैक्सीन ट्रायल का डेटा?
कनाडा, ब्रिटेन और अमेरिका ने आरोप लगाया है कि रूस कोरोना वैक्सीन का डेटा हैक कर रहा है। एक रूसी हैकिंग ग्रुप APT29 के बारे में अधिकारियों ने जानकारी दी है। यह ग्रुप कोरोना वैक्सीन बना रहे संस्थानों के डेटाबेस से ट्रायल की डिटेल्स निकाल रहा था। रूस ने इन आरोपों से साफ इनकार किया है और कहा कि उसका इस हैकिंग से कोई लेना-देना नहीं है।
एक लाख बिलियन डोज की तैयारी में मॉडर्ना
अमेरिकन फार्मा कंपनी मॉडर्ना ने फेज 1 ट्रायल में सफलता हासिल की है। पहले चरण में वॉलंटिअर्स के इम्यून रेस्पांस में बढ़त देखी गई। कंपनी अब प्लान कर रही है कि 2021 में वैक्सीन की एक बिलियन डोज तैयार कर ली जाएं। मॉडर्ना वह पहली कंपनी थी जिसने वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल शुरू किया था। mRNA-1273 नाम वाली वैक्सीन का फेज 1 ट्रायल 16 मार्च से शुरू हुआ था। 27 जुलाई से वैक्सीन का फेज 3 ट्रायल चल रहा है।
'भारत बना सकता है दुनिया के लिए कोरोना वैक्सीन्स'
दुनिया की सबसे रईस हस्तियों में शुमार माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक बिल गेट्स ने कोरोना से लड़ाई में भारत पर विश्वास जताया है। उन्होंने कहा कि भारत की फार्मास्यूटिकल इंडस्ट्री में इतना दम है कि वह पूरी दुनिया के लिए कोरोना वायरस वैक्सीन बना सकती है। एक डॉक्युमेंट्री में गेट्स ने कहा कि 'आप जानते हैं दुनियाभर में सबसे ज्यादा वैक्सीन्स भारत में बनती हैं। सीरम इंस्टीट्यूट दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीन डेवलपर है, भारत बायोटेक और भी कई नाम हैं। वे कोरोना वायरस वैक्सीन बनाने में मदद कर रहे हैं।"
कब तक आ सकती है कोरोना वैक्सीन?
दुनियाभर में 23 वैक्सीन ऐसी हैं जो क्लिनिकल ट्रायल से गुजर रही हैं। कौन सी वैक्सीन असरदार है यह तभी पता चलेगा जब वॉलंटिअर्स अपनी रूटीन लाइफ में कोरोना से दो-चार होंगे मगर उन्हें इन्फेक्शन नहीं होगा। उम्मीद है कि ऐसा अगले साल तक हो सकता है क्योंकि अधिकतर स्टडीज ऐसे देशों में हैं जहां ऐक्टिव कोरोना केसेज कम हो रहे हैं।
कोरोना वैक्सीन : फेज 3 पर लेटेस्ट अपडेट
Pfizer-BioEnTech की mRNA वैक्सीन भी फेज 3 ट्रायल से गुजर रही है। चीन की Sinovac Biotech की इनऐक्टिवेटेड वैक्सीन CoronaVac का भी तीसरे दौर का ट्रायल जारी है।