नई दिल्ली। निफ्टी के 7,500 अंक पर पहुंचने के बाद हमने 10,500 अंक के लक्ष्य के साथ जबरदस्त खरीदारी शुरू की क्योंकि हम 12.54 के पीई अनुपात (प्राइस टू अर्निंग्स अनुपात) के पास पहुंच गए थे, जो 1991 के न्यूनतम स्तर से महज 12 फीसद दूर रह गया था। अगर हम 12 फीसद का जोखिम नहीं ले सकते हैं तो हम कैपिटल मार्केट में निवेशक के लिहाज से उपयुक्त नहीं हैं। इस सलाह को मानने वाले सभी सीएनआई सदस्यों को काफी फायदा हुआ। कुछ सदस्यों ने अनिश्चितता, फ्यूचर और डेराइवेटिव्स में भारी घाटा के भय एवं हमारे विश्लेषण पर बहुत अधिक विश्वास नहीं करने की वजह से इस सलाह को नहीं माना। हमारी सलाह को मानने वालों को पिछले तीन माह में 25 फीसद से लेकर 100 फीसद तक का फायदा मार्केट से हुआ है और यह गति अभी धीमी नहीं हुई है।
हम कई मौकों पर इस विषय में बात कर चुके हैं, फिर भी यह समझने के लिए एक बार फिर से इस मुद्दे पर बात कर रहे हैं कि आर्थिक गतिविधियों में गिरावट के बावजूद घरेलू एवं वैश्विक स्तर पर शेयर बाजार में तेजी की वजह क्या है।
इस चीज की शुरुआत करते हुए हम इस पहलू की ओर आपका ध्यान आकृष्ट करना चाहते हैं कि पीई अनुपात अब भी 18.5 से 19 के आसपास है। इसका मतलब है कि निफ्टी के अब भी ऊपर की ओर जाने की गुंजाइश मौजूद है। NSE का पीई अनुपात 27 के ऊपर रह चुका है और इसकी जरूर वजह रही होगी।
निफ्टी में केवल 12 स्टॉक्स की वजह से रिकवरी देखने को मिली है, जिसका वेटेज 76 है। ऐसे में अगर हम यह समझते हैं कि समूचे निफ्टी में रिकवरी हुई है तो हम गलत साबित होंगे। आपको यह समझना होगा कि 17 अक्टूबर के सर्कुलर के बाद मिड कैप और स्मॉल कैप स्पेस में 90 फीसद से अधिक का करेक्शन आया था और ऐसे में उसे एक समय में नीचे आना था और कोरोना वह बिन्दु साबित हुआ।
हमने कई स्टॉक्स में 100 फीसद से अधिक की तेजी देखी है और आने वाले समय में कई स्टॉक्स में 900 फीसद की बढ़त देखेंगे। इससे मिड कैप्स और स्मॉल कैप्स जनवरी, 2018 से पहले के स्तर पर पहुंच जाएंगे।
यह सबकुछ ऐसे समय में हुआ जब आप कोरोना संकट के बीच फंसे थे और लिक्विडिटी ना के बराबर थी। इन परिस्थितियों में ऑपरेटर्स को आसान लांच पैड मिला। हम समय-समय पर यह बात कहते रहे हैं कि आप जो कुछ भी बेच रहे हैं, वो स्मॉल कैप की गति में एब्जॉर्ब हो जा रहा है, जो स्पष्ट तौर पर गेम चेंजर होने का संकेत दे रहा है। अब कई स्टॉक्स में 1000 फीसद तक की तेजी देखने को मिलेगी और इससे लाभ हासिल करने वाले देश में वित्तीय रूप से मजबूत ऑपरेटर बन जाएंगे।
सीएनआई का ध्यान कई मल्टी बैगर्स (ऐसे स्टॉक्स जो 100 फीसद से ज्यादा का रिटर्न देते हैं) की तलाश पर रहा है लेकिन आपको इस सिद्धांत के साथ उसी समय में खरीदारी करनी होगी जब स्टॉक्स 500 फीसद तक चढ़ जाएं क्योंकि उसी समय में वॉल्यूम बहुत अधिक महत्व रखता है। यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि 1000 से अधिक अकाउंट वाली कई ऐसी पेशेवर कंपनियां हैं, जिनके पास ये आर्टिफिशियल वॉल्यूम होते हैं, जिससे आप प्रभावित हो सकते हैं।
पौषक के स्टॉक की कीमत 2,800 रुपये क्यों हो गई है? हमने 60 रुपये की कीमत रहते इसे लेने को कहा था, तब कोई इसको खरीदने वाला नहीं था। अब आप केवल 50 शेयर खरीद कर खुश हो सकते हैं क्योंकि आप इस समय इतना ही अफोर्ड कर सकते हैं।
हम यह कहना चाहते हैं कि स्मॉल कॉप में तेजी का दौर शुरू हो चुका है और यह 1,000 फीसद तक का रिटर्न देगा। हम बाजार में 2005 से 2007 की तरह का तेजी देखने वाले हैं लेकिन आपको उसमें विशेष फायदा नहीं होगा क्योंकि आप निफ्टी को ऊपर ले जाने वाले 12 शेयरों को छोड़कर अन्य शेयरों में बुरी तरह उलझे हुए हैं। ऐसे में आप निराश हो गए हैं और निफ्टी का ऊपर जाना आपको अच्छा नहीं लग रहा है।
कृषि से कमाई में तेजी और मजबूत खेती से भारत सरकार जीडीपी के कम्पोनेंट में बदलाव कर सकती है। हम यह कहते रहे हैं कि जीडीपी तीन से चार फीसद के स्तर पर आ जाएगी। आर्थिक वृद्धि की इस रफ्तार के साथ भारतीय मार्केटर 14,000 अंक पर सस्ता नजर आएगा। जैसा कि हम पहले स्पष्ट कर चुके हैं कि निफ्टी का वर्तमान पीई अनुपात 19 से कम है तो यह आने वाले समय में 22-24 के बीच पहुंच सकता है। इसका मतलब है कि निफ्टी के 14,000-15,000 के स्तर तक पहुंचने की गुंजाइश मौजूद है।