वुशू में 9 गोल्ड समेत 24 मेडल जीतने वाली हरियाणा की शिक्षा अब खाने के लिए मोहताज, मनरेगा में मजदूरी कर रही

Posted By: Himmat Jaithwar
7/12/2020

राेहतक. वूशु गेम के 56 और 60 किलोग्राम भार वर्ग में  9 बार नेशनल, जबकि 24 बार स्टेट लेवल पर गाेल्ड, सिल्वर और ब्रांज मेडल जीतने वाली खिलाड़ी शिक्षा इन दिनाें मजदूरी करके परिवार पाल रही है। वह हरियाणा में रोहतक जिले के इंदरगढ़ गांव की रहने वाली है। उसे पिछले तीन साल से खेल विभाग से कैश अवाॅर्ड और एससी कैटेगरी में मिलने वाली स्कॉलरशिप का इंतजार है। शिक्षा का कहना है कि उसका नाम विभाग की सूची में है, लेकिन पैसा नहीं आया है।

डाइट मनी के लिए दिहाड़ी करनी पड़ रही

शिक्षा ने कहा कि घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। प्रैक्टिस करने के साथ डाइट मनी का इंतजाम करना मुश्किल हो गया है। माता-पिता के साथ मनरेगा के तहत मिलने वाले काम को करने के लिए जाती हूं। उन्होंने सरकार से मांग की है कि खेल उपलब्धियों को देखते उन्हें हुए कैश अवॉर्ड या स्कॉलरशिप के साथ एक नौकरी दिलाई जाए।

मजदूरी कर बेटी को टूर्नामेंट खेलने भेजा- राजदेवी

शिक्षा की मां राजदेवी ने कहा कि मेहनत मजदूरी करके बेटी को दूसरे प्रदेशों में होने वाले टूर्नामेंट में खेलने के लिए भेजा। बेटी मेडल जीतकर आती है तो खुशी होती है, लेकिन सरकार की तरफ से कोई पुरस्कार या नौकरी देने की पहल नहीं हुई।

एमडीयू मदद की कोशिश करेगा

शिक्षा ने दो बार ऑल इंडिया यूनिवर्सिटी वूशु चैंपियनशिप एमडीयू की अगुआई की है और सिल्वर मेडल पर कब्जा किया है। एमडीयू रोहतक के खेल निदेशक डॉ. देवेंद्र सिंह ढुल ने कहा कि खिलाड़ियों को तकलीफ नहीं होने दी जाएगी। वूशु खिलाड़ी शिक्षा को जल्द आर्थिक मदद दी जाएगी। 



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