नई दिल्ली. भारत की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया (Maruti Suzuki) एमएसआई ने पिछले छह साल में भारतीय रेलवे से 6.7 लाख कारें देश के विभिन्न हिस्सों में बिक्री के लिए भेजी. कंपनी ने आज एक बयान में बताया कि इस दौरान इसमें 18 फीसदी से अधिक की सीएजीआर दर्ज की गई. कंपनी ने मार्च 2014 में डबल डेकर फ्लेक्सी-डेक रैक के जरिए अपनी कारों की पहली खेप भेजी थी. मारुति का कहना है कि अपनी कारों को देश के विभिन्न हिस्सों में भेजने के लिए रेलवे के इस्तेमाल से उसे करीब 3000 मीट्रिक टन कार्बन डाई ऑक्साइड के उत्सर्जन को कम करने में मदद मिली है. इससे करीब 10 करोड़ लीटर जीवाश्म ईंधन की बचत हुई. अगर इन कारों को ट्रकों के जरिए भेजा तो लगाने पड़ते एक लाख से अधिक चक्कर अगर इन कारों को ट्रकों के जरिए भेजा जाता तो इसके लिए ट्रकों को राष्ट्रीय राजमार्गों पर एक लाख से अधिक चक्कर लगाने पड़ते. पिछले वित्त वर्ष के दौरान 1.78 लाख से अधिक कारों को रेलवे के जरिए भेजा गया जो उससे पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 15 फीसदी अधिक है. यह साल में कंपनी के कुल बिक्री का 12 फीसदी है. कारों की ढुलाई में रेलवे की अहमियत का जिक्र करते हुए एमएसआई के एमडी और सीईओ केनिची आयुकावा ने कहा कि बढ़ती बिक्री के मद्देनजर हमारी टीम को लार्ज स्केल लॉजिस्टिक्स की जरूरत महसूस हुई. हमें लगा कि न केवल विस्तार के लिए बल्कि खतरा कम करने के लिए भी हमें रोड मोड लॉजिस्टिक्स के इतर विकल्प देखने चाहिए