वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर जारी तनातनी के बीच भारतीय नौसेना ने दर्जन भर से अधिका अत्याधुनिक और दमदार बोट को प्रेट्रोलिंग करने के लिए लद्दाख भेज रही है। इससे भारतीय सेना को पैंगोंग त्सो में गश्त करने में आसानी हो सकेगी और चीनी सेना के 928 बी टाइप जहाजों को जवाब दिया जा सके। पूर्वी लद्दाख स्थित पैंगोंग त्सो झील पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की आक्रामकता के केंद्र में है।
मंगलवार भारत और चीन के बीच कॉर्प्स कमांडर-स्तर की तीसरे दौर की बैठक 12 घंटे तक चली और रात के 11 बजे खत्म हुई। न्यूज एजेंसी एएनआई को भारतीय सेना के सूत्रों को यह जानकारी मिली है। बैठक में भारत ने फिंगर 4 से फिंगर आठ तक के क्षेत्र से चीन को तत्काल पीछे हटने को कहा है।
भारत-चीन के सैन्य अधिकारियों के बीच मंगलवार को तीसरे दौर की लंबी बातचीत हुई। सूत्रों का कहना है कि भारत की तरफ से गलवान घाटी तथा अन्य क्षेत्रों के साथ-साथ पैंगोंग में फिंगर 4 से फिंगर आठ तक के इलाके से चीनी सेना को तत्काल पीछे हटने को कहा गया है। हालांकि सेना की तरफ से इस के बारे में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है
बएलएसी के निकट चुशूल में भारतीय जमीन पर हुई बैठक में भारत की तरफ से 14वीं कोर के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह और चीन की तरफ से तिब्बत सैन्य जिले के कमांडर मेजर जनरल लिऊ लिन शामिल हुए। जून महीने में इन सैन्य अधिकारियों के बीच यह तीसरे दौर की बैठक हुई है। इस बैठक में सेनाओं के पीछे हटने के तौर तरीकों पर चर्चा हुई है।
सूत्रों ने कहा कि भारत की तरफ से इस बात को जोरदार तरीके से उठाया गया कि चीन सेना उन इलाकों से तत्काल पीछे हटे जहां हाल में उसने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है ताकि पांच मई से पहले की स्थिति बहाली की जा सके। इनमें पैंगोग लेक इलाके में फिंगर चार से आठ तक से चीनी सेना को तत्काल हटने को कहा गया है।