बिग बाजार भी जाएगा रिलायंस की झोली में? फ्यूचर ग्रुप का रिटेल कारोबार खरीदने के लिए सौदे पर बातचीत एडवांस्ड स्टेज में

Posted By: Himmat Jaithwar
7/1/2020

बेंगलूरु
रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) किशोर बियाणी की कंपनी फ्यूचर ग्रुप का रिटेल कारोबार खरीदने के करीब पहुंच गई है। इस सौदे को लेकर बारे में दोनों कंपनियों के बीच बातचीत एडवांस्ड स्टेज में पहुंच चुकी है। जानकारों का कहना है कि इससे ग्रोसरीज, फैशन और जनरल मर्केंडाइज जैसी श्रेणियों में रिलायंस का कारोबार और मजबूत होगा। इस सौदे के तहत बियाणी की कम से कम तीन कंपनियों फ्यूचर रिटेल, फ्यूचर लाइफस्टाइल फैशंस और फ्यूचर सप्लाई चेन सॉल्यूशंस का विलय होगा। इसके बाद इस संयुक्त कारोबार का मुकेश अंबानी की कंपनी अधिग्रहण करेगी।

दोनों कंपनियों के बीच सौदा एडवांस्ड स्टेज में पहुंच चुका है और आरआईएल 15 जुलाई को होने वाली एजीएम से पहले इसे पूरा करना चाहती है। सूत्रों का कहना है कि अभी दोनों पक्षों की तरफ इस सौदे की बारीकियों पर काम चल रहा है और अंतिम सौदे पर हस्ताक्षर नहीं हुए हैं। इस सौदे के बारे में इसी साल चर्चा शुरू हुई थी क्योंकि बियाणी की एक होल्डिंग कंपनी ने लोन रिपेमेंट में डिफॉल्ट किया था।


रिलायंस की पेशकश के मायने
रिटेल किंग के तौर पर जाने जाने वाले बियाणी उसके बाद से ही विकल्पों की तलाश कर रहे हैं। इनमें रिटेल यूनिटों में हिस्सेदारी बिक्री भी शामिल है। साथ ही वह अपने इश्योरेंस ज्वाइंट वेंचर फ्यूचर जेनेराली को भी बेचना चाहते हैं। कई दूसरी कंपनियों ने भी फ्यूचर ग्रुप में दिलचस्पी दिखाई थी। इनमें अमेरिका कि दिग्गज रिटेल कंपनी एमेजॉन भी शामिल थी। लेकिन एक सूत्र ने बताया कि रिलायंस की पेशकश से बियाणी की कर्ज की समस्या का व्यापक समाधान होगा।

क्यों दिलचस्प है यह सौदा
सूत्र ने कहा, ‘यह एक कॉम्लैक्स ट्रांजेक्शन हो सकता है। सबसे पहले फ्यूचर ग्रुप अपनी कंपनियों के एक कंपनी में विलय की योजना की घोषणा करेगा। आरआईएल फिर इस कंपनी को खरीदेगी। यह सौदा शेयरों मे हो सकता है।‘ फ्यूचर ग्रुप के कारोबार में हिस्सेदारी रखने वाली कंपनियों एमेजॉन, ब्लैकस्टोन और प्रेमजीइनवेस्ट को आरआईएल में शेयर मिल सकते हैं। यह सौदा इसलिए भी दिलचस्प है क्योंकि जैफ बेजोस की कंपनी एमेजॉन 2014 से फ्यूचर ग्रुप से साथ बिजनेस पार्टनरशिप है। पिछले साल एमेजॉन ने बियानी के एक प्रमोटर कंपनी में निवेश करके फ्यूचर रिटेल में अप्रत्यक्ष हिस्सेदारी खरीदी थी।

मामले के एक जानकार ने कहा, ‘यह कहना सही होगा कि कंपनी अब रिलायंस की झोली में जा रही है। हालांकि दूसरी कंपनियां अब भी फ्यूचर के साथ बात कर रही हैं लेकिन अब उसका रास्ता साफ है।‘ पिछले हफ्ते तक यह स्थिति थी कि कंपनी किसी की भी झोली में जा सकती थी। उन्होंने कहा कि रिलायंस फ्यूचर ग्रुप के पूरे रिटेल कारोबार का अधिग्रहण करेगी। लेकिन फ्यूचर कंज्यूमर और फ्यूचर मार्केट नेटवर्क्स के तहत आने वाले कुछ ब्रांड्स और विनिर्माण कारोबार बियाणी के ही पास रह सकता है। इस बारे में फ्यूचर ग्रुप और आरआईएल के प्रवक्ताओं ने उन्हें भेजे गए ईमेल का जवाब नहीं दिया।



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