अलीगढ़. उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले में ईंट-भट्ठों पर काम करने वाले प्रवासी मजदूरों को मंगलवार की शाम तीन ट्रेनों से बिहार भेजा गया। इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग के नियम हर बार की तरह फिर से तार-तार हुए। श्रमिक ट्रेनों को हरी झंडी दिखाने के लिए हाथरस के भाजपा सांसद राजवीर दिलेर को बुलाया गया था। जब उनसे सोशल डिस्टेंसिंग के बाबत सवाल किया गया तो उन्होंने बेतुका बयान दिया। कहा कि, जब संख्या अधिक व जगह कम होगी तो सोशल डिस्टेंसिंग टूटेगी ही। जब उन्हें अपनी गलती का एहसास हुआ तो उन्होंने चुप्पी साध ली।
अब तक अलीगढ़ से 10 ट्रेनें हुई रवाना
दरअसल, अलीगढ़ जिले में करीब 500 ईंट-भट्ठे हैं। यहां बिहार, झारखंड आदि प्रदेशों के करीब 15 हजार मजदूर काम करते हैं। इन दिनों भट्टे बंद पड़े हैं। इन लोगों को शासन की निति के अनुसार इनके घर भेजा जा रहा है। अलीगढ में मंगलवार शाम करीब साढ़े सात बजे तीन श्रमिक ट्रेनों से भट्टों पर काम करने वाले मजदूरों को भेजा गया। ईंट भट्ठा एसोसिएशन की तरफ से प्रशासन से संपर्क करने के बाद इन मजदूरों के लिए तीन ट्रेनों की व्यवस्था की थी। इन ट्रेनों से करीब 5000 से ज्यादा मजदूरों को उनके घरों के लिए भेजा जा रहा है। जिले से अब तक 10 श्रमिक ट्रेन मजदूरों को ले जा चुकी हैं।
प्रदेशभर से इतने प्रवासी मजदूर भेजे गए
अन्य राज्यों के ईंट भट्ठा श्रमिक, जो प्रदेश में कार्य कर रहे थे, उनको उनके राज्य में भेजे जाने की व्यवस्था प्रदेश सरकार द्वारा की गई है। अब तक प्रदेश में 18 ट्रेनों के माध्यम से 32,170 श्रमिकों को छत्तीसगढ़, 38 ट्रेनों के माध्यम से 65,295 श्रमिकों को बिहार, 5 ट्रेनों के माध्यम से 8,751 श्रमिकों को उड़ीसा और 3 ट्रेनों के माध्यम से 5,553 श्रमिकों को झारखंड भेजा जा चुका है। अगले एक-दो दिनों में 14 और ट्रेनें ईंट भट्ठा श्रमिकों को लेकर विभिन्न प्रदेशों में भेजी जाएंगी।