रथ में सवार भगवान जगन्नाथ, थोड़ी देर में शुरू होगी यात्रा

Posted By: Himmat Jaithwar
6/23/2020

कोरोना संकट के बीच आज भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा निकल रही है। सुप्रीम कोर्ट ने कोर्ट ने सोमवार को कहा कि मंदिर कमिटी और सरकार के सहयोग से यात्रा निकाली जा सकती है, लेकिन लोगों की सेहत से समझौता नहीं होना चाहिए। पुरी के अलावा कहीं और यात्रा निकालने की इजाजत नहीं होगी। रथयात्रा को लेकर पुरी, अहमदाबाद और कोलकाता में उत्साह देखने को मिल रहा है।

पुरी के राजा पहुंचे जगन्नाथ मंदिर

NBT
पुरी के राजा गजपति महाराज रथयात्रा में भाग लेने के लिए पुरी के जगन्नाथ मंदिर पहुंच गए हैं। वह 'छेड़ा पहंरा' की रस्म निभाएंगे। इस दौरान वह रथ पर झाड़ू लगाएंगे, जिसमें सोने का हैंडल लगा होगा।

पहले सुप्रीम कोर्ट ने लगाई थी रोक

NBT
सुप्रीम कोर्ट ने 18 जून को रथयात्रा पर रोक लगाते हुए कहा था कि कोरोना महामारी के इस दौर में अगर यात्रा की इजाजत दी तो भगवान जगन्नाथ हमें कभी माफ नहीं करेंगे। इस फैसले के खिलाफ केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से फिर से विचार करने की गुहार लगाई थी।

मंदिर परिसर में सैनिटाइजेशन

NBT
सुप्रीम कोर्ट ने रथयात्रा की शर्तों में कहा कि इस दौरान पुरी के तमाम एंट्री पॉइंट जैसे एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन वगैरह बंद रहेंगे। राज्य सरकार सोमवार रात 8 बजे से कर्फ्यू लगाए। जो लोग रथ खीचेंगे, पहले उनका कोरोना टेस्ट होगा। ओडिशा सरकार ने पुरी में 'कर्फ्यू जैसे' बंद का ऐलान कर दिया, जो बुधवार दोपहर 2 बजे तक लागू रहेगा।

एक सेवायत निकला कोरोना पॉजिटिव, रथयात्रा में इजाजत नहीं

NBT
ओडिशा के कानून मंत्री प्रताप जेना ने बताया, 'सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, पुरी के जगन्नाथ मंदिर के सेवायतों (पुजारियों) का कोरोना टेस्ट कराया गया। इनमें से एक पॉजिटिव पाया गया है जिन्हें रथ यात्रा में अनुमति नहीं मिलेगी।'

सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना संक्रमण का डर जताया था

NBT
कोर्ट ने कहा कि 18 जून को हमने रथयात्रा का रोकने का आदेश दिया था क्योंकि 10 से 12 दिनों में 12 लाख लोगों की शिरकत की बात कही गई थी। बड़ी संख्या में लोगों के वहां होने से कोरोना का फैलाव खतरनाक तरीके से होगा और उसके ट्रैक करना असंभव होगा।

याचिकाकर्ताओं ने दिया तर्क

NBT
याचिकाकर्तों ने तर्क दिया था कि अगर भगवान जगन्नाथ तय समय पर यात्रा के लिए नहीं निकलते हैं तो परंपराओं के अनुसार, वह 12 साल तक नहीं आ सकते हैं।

1736 से जारी है रथयात्रा

NBT
यह रथयात्रा साल 1736 से लगातार जारी है। दरअसल, इस मंदिर के साथ-साथ इस यात्रा का ऐतिहासिक और धार्मिक स्तर पर काफी बड़ा महत्व होने के कारण सुप्रीम कोर्ट को इसपर सुनवाई करनी ही पड़ी। यात्रा की अनुमति के बाद भी यह स्पष्ट है कि इस बार रथयात्रा में हर साल जितनी भीड़ नहीं होगी और केवल मंदिर समिति से जुड़े लोगों को ही यात्रा में शामिल किया गया है।

भगवान की घर वापसी के साथ होता है यात्रा का समापन

NBT
आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को यात्रा शुरू होती है और शुक्ल पक्ष के 11वें दिन भगवान की घर वापसी के साथ इसका समापन किया जाता है। सामान्यत: यह यात्रा जून या जुलाई के महीने में होती है। हालांकि, इसकी तैयारियों कई महीने पहले से शुरू होती हैं।



Log In Your Account