मिलिए भारत के सक्सेसफुल बिजनेसमैन फादर और नेक्स्ट जनरेशन के बिजनेस टायकून से, किसी ने संभाला अपने पिता का कारोबार तो किसी ने उनकी राह पर चलकर बनाई अपनी पहचान

Posted By: Himmat Jaithwar
6/21/2020

नई दिल्ली. पिता के सम्मान में दुनियाभर में जून महीने के तीसरे रविवार को फादर्स डे मनाया जाता है। इस साल 21 जून को Father’s Day 2020 है। फादर्स डे के इस खास मौके पर हम आपको दुनियाभर में मशहूर भारतीय बिजनेसमैन पिता के बारे में बता रहे हैं, जो ना सिर्फ बिजनेस की दुनिया में कामयाबी हासिल किए हैं, बल्कि एक अच्छे पिता होने का फर्ज भी निभाया है। इनके बच्चे नेक्स्ट जनरेशन के बिजनेस टायकून हैं। फिर चाहे भारत के सबसे अमीर बिजनेसमैन मुकेश अंबानी के बेटे आकाश अंबानी, अनंत अबानी और बेटी ईशा अंबानी हों, गोदरेज कंपनी के मालिक आदि गोदरेज की बेटी निसाबा गोदरेज, गौतम अडानी के बेटे करण अडानी या फिर कुमार मंगलम बिड़ला की बेटी अनन्या बिड़ला हों। वर्तमान में ये सभी एक सफल बिजनेसमैन हैं। इनमें से कुछ पिता के साम्राज्य को आगे बढ़ा रहे हैं तो कुछ ने पिता की मदद से अपनी राह खुद तैयार कर ली।

मुकेश अंबानी- आकाश, अनंत और ईशा अंबानी

साल 1981 में धीरूभाई अंबानी के बड़े बेटे मुकेश अंबानी ने अपने पिता का बिजनेस ज्वाइन किया और फिर रिलायंस कंपनी ने पॉलिस्टर फाइबर से पेट्रोकेमिकल और पेट्रोलियम बिजनेस की तरफ शिफ्ट किया। इसके बाद से रिलायंस ग्रुप ने बड़ी तेजी से विकास किया और आज यह देश की सबसे बड़ी कंपनी है। रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) के चेयरमैन मुकेश अंबानी की नेटवर्थ 64.5 अरब डॉलर है। इस समय वह दुनिया के टॉप 10 सबसे अमीर लोगों के एक्सक्लूसिव क्लब में एकमात्र एशियाई बिजनेसमैन बन गए हैं।

अनंत, ईशा और आकाश अंबानी
  • अंबानी के साम्राज्य को आगे बढ़ा रहे उनके बच्चे

ईशा और आकाश मुकेश अंबानी के जुड़वा बच्चे हैं। ये दोनों ही अभी सिर्फ 27 साल के हैं। ईशा पहली बार 16 साल की उम्र में तब चर्चा में आईं जब फोर्ब्स ने उन्हें विश्व के सबसे युवा अरबपति उत्तराधिकारियों की सूची में दूसरे स्थान पर रखा था। 2014 में आकाश और ईशा अंबानी को रिलायंस के टेलीकॉम और रिटेल बिजनेस में डायरेक्टर नियुक्त किया गया था। वहीं, अंबानी ने 25 साल की उम्र में अपने सबसे छोटे बेटे अनंत अंबानी को जियो प्लेटफॉर्म में एडिशनल डायरेक्टर के तौर पर जिम्मेदारी सौंप दी। बता दें कि इसी उम्र में मुकेश अंबानी ने भी कारोबारी जिम्मेदारी को संभालना शुरू किया था। वर्तमान में अंबानी की तीनों संतान औपचारिक तौर पर रिलायंस में कामकाज को आगे बढ़ा रहे हैं।


आदि गोदरेज- निसाबा गोदरेज

गोदरेज समूह के प्रमुख आदि गोदरेज ने अपनी 42 वर्षीय छोटी बेटी निसाबा को अपने साम्राज्य की कमान सौंपी है। कहा जाता है कि निसाबा ने करीब 17 साल तक गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्टस के एक्जिक्यूटिव डायरेक्टर का पद संभाला और उनके नेतृत्व में कंपनी ने काफी उन्नति की और ग्लोबल विस्तार किया। निसाबा कंपनी में बदलाव के लिए जानी जाती हैं। खासकर वह बिजनेस जो हेयर डाई और साबुन के सेगमेंट में है। इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ले जाने का रिकॉर्ड निसाबा के नाम है।

आदि गोदरेज और निसाबा गोदरेज
  • निसाबा की देख रेख में बढ़ी कंपनी

निसाबा ने जब कंपनी ज्वाइन की थी, उस समय मार्केट कैप 70 करोड़ डॉलर था। अभी यह 9 अरब डॉलर के पार है। रेवेन्यू इसी अवधि में पांच गुना बढ़कर 1.4 अरब डॉलर के पार हो गया है। 2007 में यह 27 करोड़ डॉलर था। निसाबा की इसी खूबी से प्रेरित होकर आदि गोदरेज ने अपने समूह की सबसे अहम कंपनी की कमान निसाबा को सौंपा। वे एक जुलाई से एमडी बन जाएंगी। मुंबई के Cathedral & John Connon School से स्कूलिंग की हैं। आगे की पढ़ाई के लिए वह अमेरिका चली गई थीं। University of Pennsylvania के व्हार्टन स्कूल से उन्होंने बैचलर ऑफ साइंस की पढ़ाई की। बाद में उन्होंने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से MBA किया।

कुमार मंगलम बिरला- अनन्या बिरला

कुमार मंगलम बिरला आदित्य बिरला ग्रुप के चेयरमैन हैं। आदित्य बिरला ग्रुप भारत के सबसे बड़े औद्योगिक घरानों में से एक है। ग्रासिम, हिंडाल्को, अल्ट्राटेक सीमेंट, आदित्य बिरला नुवो, आइडिया, आदित्य बिरला रिटेल, आदित्य बिरला मिनिक्स व बिरला ग्रुप के अंतर्गत आने वाली अन्य कंपनियां हैं। आदित्य बिरला ग्रुप के चेयरमैन कुमार मंगलम बिरला का कुल नेटवर्थ 830 करोड़ डॉलर का है।

अनन्या बिरला और उनके पिता कुमार मंगलम बिरला 
  • अनन्या ने 17 साल की उम्र से शुरू किया खुद का बिजनेस

कुमार मंगलम बिरला की बेटी अनन्या बिरला ने अपनी पहचान खुद बनाई है। अनन्या ने सिर्फ 17 साल की उम्र में बिजनेस शुरू किया। उन्होंने माइक्रोफाइनेंस फर्म ‘स्वतंत्र प्राइवेट लिमिटेड’ कंपनी बनाई, जो दो राज्यों में फैली हुई है। बता दें कि यह फर्म ग्रामीण महिलाओं के लिए काम करती है। इसके अलावा वह लग्जरी प्रोडक्ट की ई-कॉमर्स कंपनी क्यूरोकार्ट की फाउंडर और सीईओ भी हैं। सिंगिंग और फैशन सेंस उनका गजब का है। इसके अलावा वह बेहतरीन सिंगर भी हैं। अनन्या बिड़ला का पहला गाना लिविन द लाइफ 2016 में आया था। इस गाने के बाद उन्हें यूनिवर्सल म्यूजिक इंडिया ने बतौर सिंगर साइन किया था।

  • बतौर पिता मेरे लिए गर्व की बात है- कुमार मंगलम बिरला

2018 में अनन्या बिरला ने दैनिक भास्कर से बातचीत में कहा था कि अपने पिता का सहारा लिए बिना वे बिजनेस वर्ल्ड में अपना मुकाम बनाना चाहती थीं और वह उसी राह पर आगे चल रही हैं। हालांकि, वह जब मुश्किल में होती हैं और जब कुछ समझ में नहीं आता है तब वह अपने से टिप्स लेती हैं। एक इंटरव्यू में कुमार मंगलम बिड़ला ने कहा कि अच्छा लगता है जब बच्चे अपनी राह खुद चुनते हैं। मेरे बच्चों ने कड़ी मेहनत कर अपनी राह खुद बनाई। बतौर पिता मेरे लिए गर्व की बात है। फोर्ब्स की 2018 में अरबपतियों की लिस्ट के मुताबिक, अनन्या बिरला देश की छठीं सबसे अमीर बिजनेसमैन थीं। उनकी कुल नेटवर्थ 11.8 अरब डॉलर थी।


शिव नाडर- रोशनी नाडर

रोशनी नाडर भारतीय अरबपति शिव नाडर की बेटी हैं। HCL टेक्नोलॉजी लि. के फाउंडर शिव नाडर हैं। अगस्त 1976 में एक गैरेज में शिव नाडर ने एचसीएल इंटरप्राइजेज की स्थापना की। 1982 में जब आईबीएम ने एचसीएल को कंप्यूटर मुहैया कराना बंद कर दिया, तब नाडर और उनके साथियों ने पहला कंप्यूटर भी बना लिया। 1991 में वे एचसीएल टेक्नोलॉजी के साथ बाजार में अपनी धाक जमाए। फिलहाल, हालत यह है कि एचसीएल की 80 फीसदी आमदनी कंप्यूटर और ऑफिस इक्विपमेंट्स से ही होती है। एचसीएल को दिग्गज टेक कंपनी की पहचान दिलाने में शिव नाडर का हाथ है।

शिव नाडर और रोशनी नाडर
  • 38 साल की रोशनी संभाल रही हैं एचसीएल टेकनोलॉजी को

शिव ने एक बार कहा था, मैं नेतृत्व को अवसर नहीं देता बल्कि उन लोगों पर निगाह रखता हूं, जो कमान संभाल सकते हैं और उन्होंने अपनी बेटी रोशनी नाडर पर भरोसा किया और कमान संभालने की जिम्मेदारी दे दी। बता दें कि शिव नाडर की कुल नेटवर्थ 1,470 करोड़ डॉलर के आस-पास है। वर्तमान में रोशनी अपने पिता के कारोबार को संभाल रही हैं। रौशनी एचसीएल इंटरप्राइज की एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर और सीईओ हैं। रोशनी अभी 38 साल की हैं। इस समय वह केवल कंपनी ही नहीं चलातीं बल्कि शिव नाडर फाउंडेशन के एजुकेशन इनिशिएटिव में भी योगदान देती हैं। यह फाउंडेशन एजुकेशन पर काम करता है। एचसीएल की सीईओ रोशनी नाडर 36,800 करोड़ रुपए के नेटवर्थ के साथ देश की अमीर टॉप 10 महिलाओं के क्लब में हैं।  

गौतम अडानी-करण अडानी


फोर्ब्स इंडिया मैगजीन की साल 2019 के अमीरों की लिस्ट में दूसरे स्थान पर इंफ्रास्ट्रक्चर टाइकून गौतम अडानी हैं। 18 साल की उम्र में कॉलेज की पढ़ाई छोड़कर उन्होंने मुंबई में आकर खुद का बिजनेस शुरू किया। अपनी मेहनत के बलबूते जहां पिछले साल फोर्ब्स लिस्ट में वे 10वें नंबर पर थे वहीं अब वह दूसरे नंबर पर हैं। गौतम अडानी के दो बेटे हैं। बड़े बेटे करण अडानी और छोटे बेटे जीत अडानी हैं।

गौतम अडानी और करण अडानी
  • 2016 में करण बने अडानी पोर्ट के सीईओ

करण अडानी ने अमेरिका के Purdue University से इकोनोमिक्स में ग्रेजुएशन करने के बाद अपने पिता के बिजनेस में ही शामिल हो गए थे। करण को 1 जनवरी, 2016 से अडानी पोर्ट्स और SEZ (APSEZ) के सीईओ के रूप में नियुक्त किया गया था। करण 2009 से पूरे भारत में अडानी पोर्ट के विकास की देखरेख कर रहे थे। करण अपने पिता के नक्शे कदमों पर चल रहे हैं। पूरी तरह से वह अडानी ग्रुप की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। अडानी ग्रुप का पूरा कार्यभार गौतम अडानी देखते हैं। बता दें कि फोर्ब्स लिस्ट में गौतम अडानी का कुल नेटवर्थ 1270 करोड़ डॉलर है। 


साइरस पूनावाला- अदार पूनावाला

साइरस पूनावाला के बेटे अदार अपने पिता की कंपनी सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंडिया के सीईओ हैं। इनकी उम्र 35 वर्ष है। ये भारत के सातवें सबसे अमीर व्यक्ति हैं। अदार पूनावाला ने वेस्टमिंस्टर विश्वविद्यालय यूके से बिजनेस मैनेजमेंट में ग्रैजूएशन किया है। जिसके बाद उन्होंने अपने पिता साइरस पूनावाला की बनाई हुई सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंडिया लिमिटेड की जिम्मेदारी संभाली। इस समय इस कंपनी का कारोबार 140 देशों में फैला हुआ है और यह दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी वैक्सीन निर्माता कंपनी है। 

साइरस पूनावाला और अदार पूनावाला



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