नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को गरीब कल्याण रोजगार अभियान की शुरुआत की। बिहार के खगड़िया जिले के तेलिहार गांव से योजना से शुरुआत हुई। उन्होंने कहा कि लद्दाख में हमारे वीरों ने जो बलिदान दिया, उस पर सेना को तो गर्व है ही। पराक्रम बिहार रेजीमेंट ने किया है, इसलिए हर बिहारी को इसका गर्व होता है। जिन वीरों ने देश के लिए बलिदान दिया है, उनके लिए नमन करता हूं। उनके परिवारों को विश्वास दिलाना चाहता हूं कि देश उनके साथ है।
गरीब कल्याण रोजगार अभियान 125 दिनों का होगा। इसे देश के 116 जिलों में चलाया जाएगा। इसका 25 हजार से ज्यादा प्रवासी कामगारों को फायदा मिलेगा। अभियान में रोजगार से जुड़े 25 प्रकार के काम कराए जाएंगे। इस पर 50 हजार करोड़ रुपए की राशि खर्च की जाएगी।
बिहार लौटे मजदूरों से बात
मोदी ने दिल्ली से लौटीं स्मिता कुमारी से बात की। स्मिता ने बताया कि गांव में इंटर तक पढ़ाई की है। लॉकडाउन के समय दिल्ली में थे, वहां फैक्ट्री में काम करते थे, स्पेशल ट्रेन से गांव लौटे। मोदी ने पूछा कि लौटने में कोई दिक्कत नहीं हुई? मेरे लिए शिकायत तो नहीं है? कोई तो होगी, आप बताती नहीं हो? लगता होगा दिल्ली में अच्छे थे, मोदी जी ने ऐसा कर दिया कि हमें घर आना पड़ा। स्मिता ने कहा कि मैं गांव में शहद बनाने का काम शुरू करने का सोच रही हूं।
जनार्दन शर्मा: गुड़गांव में 12 साल से चुनाई का काम करते थे। कोरोना महामारी हो गई, इसलिए घर लौट आए। स्पेशल ट्रेन से घर लौटे। ट्रेन में भी दूर-दूर बैठे, सभी ने मास्क लगाए थे।
क्या है गरीब कल्याण रोजगार अभियान
- प्रवासी कामगारों के रोजगार के लिए देश के 6 राज्यों के 116 जिलों में 125 दिन का अभियान है।
- इसके तहत कामगारों को उनकी रुचि और कौशल के तहत रोजगार और स्वरोजगार उपलब्ध कराया जाएगा।
- अभियान के जरिए सड़क, ग्रामीण आवास, बागवानी, पौधारोपण, जल संरक्षण और सिंचाई, आंगनवाड़ी, पंचायत भवन और जल जीवन मिशन जैसे 25 काम उपलब्ध रहेंगे।
- रोजगार की फौरन आवश्यकता के मुताबिक कामगारों को विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार के अवसर मिलेंगे।