रीवा. गलवान घाटी में चीन के साथ हुई हिंसक झड़प में शहीद हुए मध्य प्रदेश के वीर सपूत और रीवा के बेटे दीपक सिंह गहरवार का पार्थिव शरीर उनके गृह जिले रीवा के गांव फरेदा पहुंच गया है। मध्य प्रदेश की सीमा चाक घाट से ही अपने शहीद बेटे की अगवानी के लिए लोगों का हुजूम जुटने लगा था। इसके बाद रीवा और फिर उनके गृहग्राम फरेदा तक लोग आर्मी ट्रक के आगे-पीछे चलते रहे और 'शहीद दीपक अमर रहे' के नारे लगाते रहे।
शहीद के गांव फरेदा में हजारों लोग अपने बेटे को अंतिम विदाई देने के लिए पहुंचे हैं। वहां पर उनका राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा। इसमें मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी शामिल होंगे। मुख्यमंत्री भोपाल से रीवा के लिए रवाना हो गए हैं। उनके साथ भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, मंत्री मीना सिंह, विधायक राजेन्द्र शुक्ल, दिव्यराज सिंह हुए रीवा रवाना हो गए हैं। दीपक की पार्थिक देह को फरेदा में उनके घर पर अंतिम दर्शन के लिए रखा गया है।
एक करोड़ रुपए, पक्का मकान और आश्रित को नौकरी देगी सरकार
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रीवा के जवान दीपक को श्रद्धांजलि दी है। साथ ही उनके परिवार को 1 करोड रुपए की सम्मान निधि, पक्का मकान या प्लॉट तथा परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने का ऐलान किया है।
बस सब जगह सिर्फ यही गूंज रहा
मैं जला हुआ राख नहीं, अमर दीप हूं, जो मिट गया वतन पर, मैं तो शहीद हूं। लद्दाख के गालवन घाटी में हिंसक झड़प में शहीद हुए दीपक के सम्मान में यही लाइन अब सबकी जुबान पर है। इसके लिए जगह-जगह पोस्टर और बैनर लगाए गए हैं। बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक हाथों में भारतीय तिरंगा लेकर दीपक के जयकारे के नारे लगा रहे हैं।