मॉस्को. रूस ने चीन पर जासूसी करने का आरोप लगाया है। आरोप है कि चीन सबरीन को ट्रैक करने वाली तकनीक चोरी से हासिल कर रहा था। रूस के आर्कटिक एकेडमी ऑफ साइंसेज के प्रसीडेंट वलेरी मिट्को इस गुप्त जानकारी को चीन तक पहुंचा रहे थे। मिट्को इस समय नजरबंद हैं।
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक रूस के जांचकर्ताओं ने कहा कि मिट्को हाइड्रोएक्योस्टिक्स (पानी में तरंगों का अध्ययन) में एक्सपर्ट हैं। वह चीन की एक यूनिवर्सिटी के विजिटिंग प्रोफेसर भी हैं। उन्होंने चीन यात्रा के दौरान सीक्रेट जानकारी चीन के खुफिया विभाग को दी। वे चीन को सबमरीन का पता लगाने वाली टेक्नोलॉजी बेच रहे थे।
2018 में चीन को सीक्रेट दस्तावेज सौंपे थे
मिट्को पर आरोप है कि वह 2018 की चीन यात्रा के दौरान सीक्रेट दस्तावेज ले गए थे। मिट्को ने इन आरोपों से इनकार किया है। उनके वकील इवान पावलोव ने कहा कि रूस में वैज्ञानिकों के खिलाफ कैंपेन चलाया जा रहा है। वकील के मुताबिक मिट्को ने खुले सोर्स से सारी जानकारी हासिल की थी और वह चीन के खुफिया विभाग से कभी नहीं मिले।
चीन की जासूसी के पहले भी कई मामले आए
रूस के 79 साल के स्पेस रिसर्चर व्लादिमिर लैपजिन को चीन को हाइपरसोनिक विमानों की सीक्रेट जानकारी देने पर 2016 में सात साल की सजा हुई थी। हालांकि, पिछले हफ्ते उन्हें सजा पूरी होने से पहले ही रिहा कर दिया गया। 2004 में फिजिक्स रिसर्चर वैलेंटिन दानिलोक को चीन के लिए जासूसी करने पर आठ साल जेल की सजा सुनाई गई थी।