वैज्ञानिकों का दावा: हम अकेले नहीं हैं, आकाशगंगा में 36 सभ्यताएं हो सकती हैं, हमारे पास ऐसी तकनीक नहीं, जिनसे एलियंस का पता लगाएं

Posted By: Himmat Jaithwar
6/16/2020

लंदन. आकाशगंगा में 36 बुद्धिमान सभ्यताएं यानी एलियंस हो सकते हैं लेकिन हम उनसे किसी भी तरह का संवाद करने में असमर्थ हैं, क्योंकि इन सभ्यताओं की औसत दूरी 17 हजार लाइटईयर है।

नाटिंघम यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने एक स्टडी में दावा किया कि हमारे पास जो तकनीक मौजूद है, उसके जरिए ऐसी सभ्यताओं का पता लगाना और उनसे संवाद करना बहुत मुश्किल है।

‘द एस्ट्रोफिजिकल’ जर्नल में प्रकाशित स्टडी के निष्कर्षों का उद्देश्य है कि इस ब्रह्मांड के भीतर अन्य जीवन रूप हैं या नहीं, इस पुराने सवाल पर नए सिरे से प्रकाश डालना चाहिए। स्टडी करने वाली टीम का नेतृत्व कर रहे एस्ट्रोफिजिक्स के प्रोफेसर क्रिस्टोफर कॉन्सोलिस का कहना है कि आकाशगंगा में 36 प्रकार की सक्रिय सभ्यता होनी चाहिए।

दूसरे ग्रहों पर बुद्धिमान जीवन बनाने में 5 अरब साल लगते हैं

पृथ्वी के रूप में अन्य ग्रहों पर बुद्धिमान जीवन बनाने में पांच अरब साल लगते हैं। पृथ्वी पर ही 4.5 अरब वर्षों के बाद एक संचार सभ्यता का गठन हुआ है। इसलिए हमें यह भी नहीं सोचना चाहिए कि आकाशगंगा में अन्य कोई संचार सभ्यता है ही नहीं।

ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी भी ऐसी स्टडी कर चुकी

इंसान बरसों से एलियन की तलाश कर रहा है। वैज्ञानिक धरती से रेडियो तरंगें भेजकर एलियंस से संपर्क करने की कोशिश करते रहे हैं। इस नए अध्ययन में कोपरनिकॉन लिमिट के एक गणितीय आधार का विश्लेषण किया गया है, जिसमें ब्रह्मांड के विकास को पैमाने पर रखा गया था। इसके पहले भी इसी तरह की एक स्टडी ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने की थी।

इसमें ड्रेक समीकरण का इस्तेमाल किया गया था। इसमें उन संभावित जगहों की लिस्ट बनाई गई थी, जहां जीवन हो सकता है। प्रोफेसर क्रिस्टोफर का कहना है कि हमारी स्टडी के नतीजे बताते हैं कि आकाशगंगा में और भी कई बुद्धिमान सभ्यताएं हैं।

नासा हबल टेलिस्कोप से दूसरे ग्रहों पर रख रहा है नजर
दुनिया के कई देश आकाशगंगा में जीवन की खोज में कई नए तरीके आजमा रहे हैं। नासा की टीम हबल टेलिस्कोप से हर ग्रह के उस बदलाव पर नजर रख रही है, जो उसके वातावरण में किसी असंतुलन को जन्म देता है।

चीन ने सबसे बड़ा सिंगल अपार्चर टेलिस्कोप बनाया 

साथ ही किसी भी रासायनिक बदलाव या तत्व की अनदेखी नहीं कर रहा है। चीन दुनिया का सबसे बड़ा सिंगल अपार्चर टेलिस्कोप बनाकर एलियन लाइफ खोज रहा है। साथ ही वह टेलिस्कोप पल्सर, ब्लैक होल, गैस क्लाउड और गैलेक्सी जैसे दूसरे कॉस्मोलॉजिकल आयामों की भी स्टडी कर रहा है।

बीजिंग यूनिवर्सिटी के ऐस्ट्रोनॉमर झांग तोंगजी का कहना है कि हमें टेलिस्कोप से कई सिग्नल मिले हैं जिनका संकेत दूसरी दुनिया में जीवन की ओर हो सकता है। जांच जारी है।



Log In Your Account