पाक ने कश्मीर का जिक्र किया तो जवाब में भारत ने बलूचिस्तान का मसला उठाया, कहा- अपने गिरेबां में झांकें

Posted By: Himmat Jaithwar
6/16/2020

जेनेवा. भारत ने पाकिस्तान की ओर संयुक्त मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) में कश्मीर का मुद्दा उठाने पर चिंता जताई है। सोमवार को पाकिस्तान ने जेनेवा में चल रहे यूएनएचआरसी के 43वें सत्र में कश्मीर का मुद्दा उठाया। भारत के स्थाई प्रतिनिधि सेंथिल कुमार ने इसका जवाब दिया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को किसी पर आरोप लगाने से पहले अपने गिरेबां में झांकना चाहिए। वह किसी को अनचाही सलाह देने से पहले अपने देश में होने वाले मानवाधिकार हनन पर गौर करे।

भारत ने यूनएचआरसी में कहा कि पाकिस्तान मानवाधिकार के इस वैश्विक फोरम और इसकी प्रक्रिया का गलत इस्तेमाल कर रहा है। पाकिस्तान दक्षिण एशिया का इकलौता ऐसा देश है, जहां पर सरकार नरसंहार करवाती है। दूसरे देशों पर आरोप लगाना इसकी गुस्ताखी है।

बलूचिस्तान में लोगों के साथ जुल्म हो रहा है: सेंथिल कुमार

भारत ने कहा कि बलूचिस्तान में बड़े पैमाने पर लोगों के साथ जुल्म हो रहा है। यहां पर सरकार की ओर से हिंसा की जा रही है। लोग एक साथ जगह छोड़ने के लिए मजबूर किए जा रहे हैं। मिलिट्री कैम्प्स और डिटेंशन सेंटर काम कर रहे हैं। कोर्ट में लंबित मामलों से जुड़े लोगों की हत्याएं की जा रही है। इन सबके बावजूद इसकी ओर से भारत पर आरोप लगाना चिंता की बात है।

‘कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का कोई बाहरी असर नहीं’

सेंथिल कुमार ने कहा कि पिछले साल अगस्त में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का कोई बाहरी असर नहीं हुआ है। लोगों ने कश्मीर में शांति व्यवस्था बिगाड़ने की पाकिस्तान की कोशिशों के खिलाफ रैलियां की थी। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पाकिस्तान में मानवाधिकार हनन का ट्रैक रिकॉर्ड बरकरार है।

‘पाकिस्तान का इतिहास खूनखराबे से भरा’

उन्होंने कहा- एक ऐसे देश के आरोपों पर भरोसा कैसे किया जा सकता है जिसका इतिहास धार्मिक कट्टरता, खूनखराबे और हत्याओं से भरा पड़ा हो। सत्ता पलटने और कठपुतली सरकार चलाने की कई घटनाएं सामने आई है। ऐसा देश जब मानवाधिकार की बात करता है तो उसकी ही साख पर सवालिया निशान लग जाते हैं।  

‘47 हजार से ज्यादा बलोच लोग लापता हुए’

भारत ने कहा कि पाकिस्तान से अब तक 47 हजार से ज्यादा बलोच और 35 हजार से ज्यादा पश्तून लापता हैं। बलूचिस्तान में हजारा समुदाय के लोगों के साथ जुल्म हुआ। इस समुदाय के 500 लोगों की जान ले ली गई और 10 हजार से ज्यादा लोग पाकिस्तान छोड़ने को मजबूर हो गए। यहां पर ईशनिंदा कानून का गलत इस्तेमाल हो रहा है। अल्पसंख्यकों की जबरन शादियां करवाई जा रही है।



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