रांची. हटिया रेलवे स्टेशन पर ऑन ड्यूटी आरपीएफ की एक महिला एएसआई सुशीला बड़ाइक की उस वक्त ममता जाग उठी, जब बेंगलुरु से गोरखपुर जा रहे श्रमिक स्पेशल ट्रेन की 16 नंबर बोगी में एक चार माह के बच्चे की रोने की आवाज सुनाई दी। बच्चा लगातार रो रहा था। एएसआई सुशीला ट्रेन के अंदर गई और जानकारी ली कि बच्चा क्यों रो रहा है, तो उसकी मां मेहरून्निसा ने बताया कि भूख से रो रहा है। दूध की जरूरत है। ट्रेन में कहां से दूध लाकर दें। उसके बाद सुशीला ने कहा कि मैं कुछ व्यवस्था करती हूं। ऑन ड्यूटी सुशीला ने अपने ऑफिसर को सूचना दी कि मैं घर जा रही हूं।
ट्रेन में एक बच्चा रो रहा है, उसको दूध की जरूरत है। आरपीएफ इंस्पेक्टर अजय कुमार सिंह ने उससे कहा कि दूध लाकर बच्चे को दें। एएसआई का घर स्टेशन के पास ही था, इसलिए जाने में ज्यादा देर नहीं हुई। वह गई और घर से दूध गर्म कर एक बोतल में लेकर 15 मिनट में पहुंच गई। उसके बाद बच्चे की मां को दूध की बोतल थमाई। महिला एएसआई के इस नेक काम के लिए आरपीएफ के अधिकारी एएसआई को बधाई दे रहे हैं। कहा कि इसी तरह बेहतर काम करें, ताकि आरपीएफ का मान-सम्मान बढ़े। यात्रियों का विश्वास आरपीएफ पर इसी तरह बरकरार रहे।
बच्चे की मां मेहरून्निसा ने कहा- आपका यह कर्ज कभी नहीं भूलेंगे
बच्चे की मां मेहरून्निसा ने एएसआई सुशीला बड़ाइक से कहा कि आप अपनी ड्यूटी का फर्ज निभाने के साथ ही एक ममता का भी फर्ज निभाया है। मेरे पास धन्यवाद का शब्द भी छोटा पड़ रहा है। हम यह आपका कर्ज कभी नहीं भूलेंगे।
एएसआई ने कहा- बच्चे को रोते देख हमसे नहीं रहा गया
एएसआई सुशीला बड़ाइक ने कहा कि हम भी ठहरे मां, ऐसे में एक बच्चा को रोते हुए कैसे देख सकते हैं, इसलिए खुद को नहीं रोक सके और घर जाकर बोतल में दूध लाकर बच्चे को पहुंचा दिया।
आरपीएफ कमांडेंट ने कहा- रेलवे का सम्मान बढ़ाया है
रांची रेल डिविजन के आरपीएफ कमांडेंट प्रशांत यादव ने कहा कि महिला आरपीएफ एएसआई ने पूरे रेल का सम्मान बढ़ाया है। मनोबल बढ़ाने के लिए उन्हें अवार्ड देने की घोषणा करते हैं।