देहरादून. उत्तराखंड में देहरादून स्थित भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) से पास होकर 333 युवा अफसर आर्मी में शामिल हो गए। शनिवार सुबह यहां इनकी पासिंग आउट परेड हुई। इसमें 9 मित्र देशों के 90 कैडेट्स भी शामिल हुए। यानी कुल 423 अफसरों ने इसमें हिस्सा लिया। कोरोना महामारी के बीच हुई इस परेड के दौरान सभी कैडेट्स के चेहरों पर मास्क और हाथों में ग्लव्ज थे। 87 साल में पहली बार ऐसा हुआ कि कैडेट्स के पैरेंट्स कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए।
सबसे ज्यादा 66 कैडेट्स उत्तर प्रदेश के
इस बार सबसे ज्यादा 66 कैडेट्स उत्तर प्रदेश के पास हुए। 39 कैडेट के साथ हरियाणा दूसरे नंबर पर, जबकि 31-31 कैडेट्स के साथ उत्तराखंड और बिहार तीसरे नंबर पर रहे।
माता-पिता ही बैज से कवर हटाते हैं
परेड के बाद होने वाली पीपिंग सेरेमनी में माता-पिता ही कैडेट्स के कंधों पर लगे बैज से कवर हटाते हैं। इस बार यह काम उनके प्रशिक्षक (ग्राउंड ट्रेनिंग इंस्ट्रक्टर) ने किया। कोरोना महामारी को देखते हुए कैडेट्स के माता-पिता को नहीं बुलाने का फैसला पिछले महीने ही किया गया था।
महामारी के कारण घर नहीं जाएंगे जवान
आर्मी चीफ जनरल एमएम नरवणे ने इन कैडेट्स की परेड का रिव्यू किया। चीफ जनरल की मौजूदगी में चैटवुड हॉल के ड्रिल स्क्वायर पर कैडेट्स को शपथ दिलाई। इस बार कोरोना महामारी की वजह से यात्रा करना सुरक्षित नहीं है, इसलिए ये कैडेट्स छुटि्टयों में अपने घर नहीं जाएंगे। ये 24 घंटे के अंदर अपनी-अपनी कमान में रिपोर्ट करेंगे। आम दिनों में पासिंग आउट परेड के बाद अफसरों को 15-20 दिन की छुट्टी दी जाती है।
विदेशी कैडेट्स में सबसे ज्यादा 48 अफगानिस्तान के
जिन 9 मित्र देशों के कैडेट्स ने यहां ट्रेनिंग ली उनमें अफगानिस्तान, तजाकिस्तान, भूटान, मॉरीशस, मालद्वीव, फिजी, पपुआ न्यू गिनी, श्रीलंका और वियतनाम शामिल हैं। कुल 90 विदेशी अफसर पास हुए। इनमें सबसे ज्यादा 48 अफगानिस्तान से हैं।