सुपौल. बिहार के सुपौल जिले में कोसी नदी पर सरायगढ़ से निर्मली के बीच रेल पुल बनकर तैयार हो गया है। पुल बनने में 17 साल लगे। 2 किलोमीटर लंबा यह पुल भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इससे पूर्वोत्तर के राज्यों तक पहुंच आसान होगी। पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी ने 2003 में इस पुल की आधारशिला रखी थी। पुल बनकर तैयार है। इस पर रेलवे ने ट्रायल के लिए मालगाड़ी भी चलाई है। मौसम ठीक रहा था 3 माह में बचे हुए काम भी पूरे हो जाएंगे।
भारत के लिए महत्वपूर्ण है यह रेल पुल
यह रेल पुल भारत के लिए काफी महत्वपूर्ण है। इससे नॉर्थइस्ट के लिए शॉर्टकट रूट भी मिल जाएगा। वर्तमान में नॉर्थइस्ट से चलने वाली ट्रेन को पहले कटिहार या माल्दा पहुंचना होता है इसके बाद ट्रेन देश में कहीं भी जाती है। पुल बन जाने से दरभंगा रेल रूट नॉर्थइस्ट के लिए खुल गया है। ट्रेन दरभंगा से निर्मली होते हुए सीधे न्यू जलपाईगुड़ी जा सकती है।
516.02 करोड़ रुपए आई लागत
कोसी नदी पर बने 2 किलोमीटर लंबे के इस पुल की लागत 516.02 करोड़ रुपए है। 2003 में इस प्रोजेक्ट के लिए 323.41 करोड़ रुपए स्वीकृत हुए थे। काम में देर होने से लागत बढ़ी। पुल का निर्माण 516.02 करोड़ रुपए में पूरा हुआ।
यह पुल निर्मली-सरायगढ़ ब्रॉड गेज लाइन का हिस्सा है। इस रेल रूट को सबसे पहले 1970 में स्वीकृति मिली थी। इसे 1887 में बने मीटर गेज लाइन को हटाकर बनाना था। उस समय कोसी नदी निर्मली और सरायगढ़ के बीच नहीं बहती थी। तब निर्मली के पास कोसी की सहायक नदी तिलजुगा बहती थी। उस पर छोटा रेल पुल बना हुआ था। कोसी नदी के पश्चिम की ओर खिसकने और 1934 में आए भूकंप की वजह से पुल को नुकसान हुआ था। उसके बाद से यह रेल लाइन बंद थी।