कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आज एक बार फिर कोरोना वायरस संकट और उसके असर को लेकर एक्सपर्ट से बात की. इस बार राहुल गांधी ने पूर्व अमेरिकी राजनयिक निकोलस बर्न्स से बात की और भारत-अमेरिका के रिश्तों पर खुलकर चर्चा की. इस दौरान राहुल गांधी ने पूछा कि कोरोना वायरस की लड़ाई में ऐसा देखने को नहीं मिला है कि बड़े देश एक साथ आए हों और लड़ाई का बीड़ा उठाया हो.
राहुल गांधी ने पूछा कि क्या अमेरिका और भारत या फिर अन्य बड़े देश कोरोना वायरस की लड़ाई में साथ नहीं दिखे. इसपर अमेरिकी एक्सपर्ट ने कहा कि ये संकट पूरी तरह से G20 देशों का था, हर किसी को इसपर एक रणनीति के साथ काम करना था. मुख्य तौर पर डोनाल्ड ट्रंप, नरेंद्र मोदी, शी जिनपिंग जैसे नेता एक साथ आ सकते थे.
निकोलस बर्न्स बोले कि शायद इसकी वजह ये है कि डोनाल्ड ट्रंप दुनिया को साथ लेने में विश्वास नहीं करते हैं, वो सिर्फ अमेरिका को आगे रखना चाहते हैं. और शी जिनपिंग सिर्फ उनसे लड़ना चाहते हैं.
बता दें कि दोनों लोगों ने इस दौरान ग्लोबल पॉलिटिक्स, कोरोना संकट के बाद के समय पर भी बात की. राहुल ने पूछा कि क्या शक्ति संतुलन बदलने वाला है?
जवाब में निकोलस बर्न्स ने कहा कि कोरोना संकट में हर कोई कह रहा है चीन जीत रहा है, लेकिन ऐसा नहीं है. चीन बढ़ोतरी कर रहा है, लेकिन वो अमेरिका के मुकाबले नहीं है. क्योंकि चीन का नेतृत्व भयभीत है, वहां पर लोकतंत्र नहीं है. हांगकांग में क्या हो रहा है, आज हर कोई देख रहा है. भारत और अमेरिका लोकतंत्र के चैंपियन हैं.
आपको बता दें कि राहुल गांधी कोरोना संकट के काल में लगातार कई एक्सपर्ट्स से बात करते आए हैं और अर्थव्यवस्था से लेकर बीमारी को लेकर मंथन किया है.