नई दिल्ली. लाॅकडाउन के दाैरान घराें में रहे लाेग काेराेना से ऊब चुके हैं। अब वे पहले की तरह फिल्म, माैसम आदि के बारे में जानकारी ले रहे हैं। देश के लाेगाें के मन की यह थाह गूगल के मई माह के सर्च ट्रेंड से पता चली है। साेमवार काे जारी गूगल ट्रेंड रिपाेर्ट के मुताबिक, काेराेना हफ्ताें तक लाेकप्रियता चार्ट में अव्वल रहा, लेकिन अब इसकी रेटिंग गिरने लगी है।
मई में काेराेनावायरस की सर्च अप्रैल के मुकाबले गिरकर आधी रह गई। पूरे मई के दाैरान ‘काेराेनावायरस’ विषय सर्चिंग में 12वीं पायदान पर रहा। जबकि इस दाैरान फिल्म, मीनिंग, न्यूज और माैसम शब्द अधिक सर्च किए गए। बड़ी बात यह है कि ये विषय आम दिनों में भी भारत में अत्यधिक सर्च किए जाते हैं।
इससे अनुमान लगाया जा रहा है कि लाेग अब काेविड-19 से पहले के दाैर में फिर लाैटना चाहते हैं। ट्रेंड से यह भी पता चलता है कि लाेगाें ने फिल्मों में वेब सीरीज ‘पाताल लाेक’ काे सबसे ज्यादा खाेजा।
इन शब्दाें की सर्चिंग बढ़ी
- वैक्सीन : 190%
- लाॅकडाउन 4.0 : 3,150%
- ईद मुबारक : 2,650%
सर्च में छोटे राज्य आगे
काेराेनावायरस के लिए छाेटे राज्याें के लाेगाें ने अधिक सर्च किया। इनमें गाेवा टाॅप पर रहा। इसके बाद मेघालय, चंडीगढ़, त्रिपुरा, नगालैंड, जम्मू-कश्मीर, दमन-दीव, सिक्किम, हरियाणा और झारखंड रहे।
ये सवाल भी सर्च किए
- वैक्सीन क्या है?
- भारत में काेराेना वैक्सीन कब आएगी? काैन सी बीमारी काेराेनावायरस से संबंधित है?
- क्या बिना लक्षण के लाेग काेराेनावायरस फैला सकते हैं?
बार-बार सुनने से अरुचि हो जाती है, कोरोना में यही हुआ
एक चीज के बारे में बार-बार सुनने से लोगों की उसमें रुचि कम हो जाती है। इसके साथ ही लोग बीमारी के साथ जीने की आदत डाल लेते हैं। यही कोरोना में भी हुआ है। जिस तरह डेंगू, चिकनगुनिया बीमारी है, लोगों ने कोरोना को भी उसी तरह लेना शुरू कर दिया है। लोग कोरोना को कम सर्च कर रहे हैं।
- प्रो. रतनलाल, समाज शास्त्र विभाग, हिंदू काॅलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय, नई दिल्ली