सीकर. जेल से सिर्फ नकारात्मक खबरें ही सुनने को मिलती हैं, लेकिन 28 सालों में शिवसिंहपुरा जेल में ऐसा पहला मामला सामने आया जो सकारात्मक था। यहां एक महिला कैदी ने रविवार सुबह को एक स्वस्थ्य बच्चे को जन्म दिया, अस्पताल स्टाफ ने बच्चे का नाम कान्हा रखा है।
जेल में शनिवार रात 2:30 बजे गर्भवती महिला कैदी को लैबर पेन शुरू हुआ था। उसे एंबुलेंस से में बैठाया जाने लगा, लेकिन महिला ने वहीं डिलीवरी कराने की इच्छा जाहिर की। जिसके बाद महिला की सामान्य डिलीवरी करवाई गई। नवजात का जन्म होने के बाद सभी ने उसका नाम कान्हा रखा दिया। शिवसिंहपुरा की जेल 27 अगस्त 1992 को बनी थी। इन 28 सालों में ऐसा पहला मामला है।
नवजात का वजन 3 किलो, मां और बच्चा दोनों स्वस्थ
नवजात बच्चे का वजन तीन किलाे है। मां और नवजात को जनाना अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जहां दोनों स्वस्थ है। डिलीवरी के बाद ही दोनों को अस्पताल में भर्ती कर दिया गया था। जेल के यह सकारात्मक पल ये टीम नहीं भूल पाएगी | डॉ. विकास बाजिया, महिला प्रहरी सुशीला, मेल नर्स दीनदयाल नेहरा, मधुसूदन शर्मा, जेल के डिप्टी डायरेक्टर अभिषेक ओला, सीताराम सोलंकी, मुख्य प्रहरी मनीराम और हत्या के एक मामले में जेल में बंद महिला रेणु ने सुरक्षित प्रसव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
कुल्हाड़ी से वार कर पति की हत्या की थी
2 जून की रात को धोद थाने इलाके में अपनी नाबालिग बहन के साथ ज्यादती करने वाले पति को पत्नी ने ही कुल्हाड़ी मारकर उसकी हत्या कर दी थी। हत्या के बाद पति का शव जमीन में दफना दिया था। इसके बाद जुर्म कबूल करने के लिए गर्भवती महिला 12 किलोमीटर दूर पैदल चलकर लोसल थाने पहुंची थी। यहां उसने पुलिस को घटनाक्रम की सारी जानकारी दी। घटना के बाद आरोपी महिला को गिरफ्तार कर जेल में भिजवा दिया गया था।