देश के बड़े मंदिराें के कपाट आज खुलेंगे, अभी भक्ताें को प्रसाद-फूल ले जाने की इजाजत नहीं होगी; तिरुपति में रोज 200 कोरोना टेस्ट होंगे

Posted By: Himmat Jaithwar
6/8/2020

नई दिल्ली.  देश के बड़े मंदिर करीब 80 दिन बाद फिर खुलने जा रहे हैं। 23 मार्च को लॉकडाउन के पहले ही मंदिरों में दर्शन बंद कर दिए गए थे। दक्षिण के तिरुपति-तिरुमला में भगवान वेंकटेश्वर, उत्तर में मथुरा का कृष्ण जन्मस्थान और मध्य भारत में उज्जैन का महाकाल मंदिर सोमवार से खुल जाएंगे। गुजरात में द्वारिकाधीश मंदिर बुधवार से खुलेगा। हालांकि अभी  मंदिरों में सीमित संख्या, तय समय और ऑनलाइन प्री-बुकिंग पर लोगों को प्रवेश दिया जाएगा। तिरुपति में दर्शन सुबह साढ़े छह बजे से शाम साढ़े सात बजे के बीच होंगे। इस दौरान हर घंटे 500 और हर दिन करीब 6 हजार श्रद्धालुओं को दर्शन का मौका मिलेगा।

11 जून से तिरुपति में आम लोग कर सकेंगे दर्शन 

तिरुमला-तिरुपति देवस्थानम ट्रस्ट बोर्ड के अध्यक्ष वाईवी सुब्बारेड्‌डी ने बताया कि शुरुआत के तीन दिन श्रद्धालुओं के दर्शन का ट्रायल होगा, जिसमें मंदिर के ही करीब 21 हजार से ज्यादा कर्मचारी, उनके परिजन और स्थानीय लोग दर्शन कर सकेंगे। 11 जून से आम लोगों के लिए दर्शन शुरू होंगे। अभी 65 साल से अधिक उम्र के लोगों और 10 साल से छोटे बच्चों को दर्शन की अनुमति नहीं दी जा रही है। यहां रोजाना 200 लोगों का रेंडमली कोरोना टेस्ट भी किया जाएगा।

वृंदावन के बांके बिहारी समेत कई मंदिर अभी बंद रहेंगे

कल्याणकट्‌टा में श्रद्धालु अपने बाल दान कर सकेंगे, वहां दो नाइयों के बीच 10 फीट की दूरी होगी। हालांकि वृंदावन में बांके बिहारी, राधारमण जी और इस्कॉन मंदिर सहित गोकुल, नंदगांव, बरसाना और गोवर्धन में फिलहाल कोई भी मंदिर नहीं खुल रहा है।

केरल के मंदिरों में प्रवेश के पहले दिखाना हाेगा कोरोना फ्री प्रमाणपत्र 
द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक आंध्र प्रदेश का श्रीशैलम मल्लिकार्जुन मंदिर और विजयवाड़ा का कनकदुर्गा मंदिर भी सोमवार से खुल रहे हैं। जबकि केरल में भी बड़े मंदिर सोमवार से खुल रहे हैं। यहां मंदिरों में प्रवेश से पहले दर्शनार्थियों को अपना कोविड फ्री प्रमाणपत्र दिखाना होगा। तिरुवनंतपुरम में पद्मनाभ मंदिर मंगलवार से खुलेगा। रोजाना 750 लोगों को दर्शन के ऑनलाइन या स्पॉट ऑफलाइन (ऑनलाइन से बची) रजिस्ट्रेशन टिकट लेना होगा। इधर सबरीमाला मंदिर में मासिक दर्शन 14 जून से 19 जून तक चलेंगे। रोज सिर्फ 200 श्रद्धालुओं को दर्शन का मौका मिलेगा। पद्मा नदी में स्नान की अनुमति नहीं होगी।



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