नई दिल्ली. सॉवरेन गोल्ड बांड योजना 2020-21 सीरीज की तीसरी खेप निवेश के लिए सोमवार 8 जून को खुलेगी। यह ऑफर शुक्रवार 12 जून 2020 तक खुला रहेगा। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि इस ऑफर में सॉवरेन गोल्ड बांड का इश्यू प्राइस 4,677 रुपए प्रति ग्राम गोल्ड है। ऑनलाइन आवेदन और भुगतान करने वालों के लिए हालांकि इश्यू प्राइस 50 रुपए प्रति ग्राम कम होगा।
इस साल गोल्ड बांड की यह तीसरी खेप है
आरबीआई ने अप्रैल में कहा था कि सरकार 20 अप्रैल से सितंबर तक छह किस्तों में सॉवरेन गोल्ड बांड जारी करेगी। सोमवार को इसकी तीसरी खेप जारी हो रही है। ये बांड आरबीआई केंद्र सरकार की ओर से जारी करता है। सॉवरेन गोल्ड बांड का इश्यू प्राइस वही होता है, जो सब्सक्रिप्शन ऑफर खुलने से पहले के सप्ताह के आखिरी तीन कार्यदिवसों में 999 शुद्धता वाले गोल्ड की औसत कीमत होती है। आरबीआई ने कहा कि तीन जून से 5 जून के बीच 999 शुद्धता वाले सोने की औसत कीमत 4,677 रुपए प्रति ग्राम है।
डिजिटल मोड से बांड लेने वाले को 50 रुपए प्रति ग्राम की छूट
आरबीआई ने कहा कि जो निवेशक ऑनलाइन आवेदन करेंगे और डिजिटल माध्यम से भुगतान करेंगे, इश्यू प्राइस पर 50 रुपए की छूट मिलेगी। ऐसे ऑनलाइन निवेशकों के लिए बांड का इश्यू प्राइस 4,627 रुपए प्रति ग्राम गोल्ड होगा।
आठ साल पर मैच्योर होगा गोल्ड बांड
गोल्ड बांड की मैच्योरिटी अवधि 8 साल होगी। निवेशकों को 5 साल के बाद एक्जिट ऑप्शन मिलेगा। निवेशक 5 साल पूरे होने पर ब्याज भुगतान के दिन बांड से निकल सकते हैं। बांड का मूल्य रुपए या डॉलर में नहीं बल्कि ग्राम सोने में होगा। यानी, एक ग्राम, दो ग्राम, तीन ग्राम, आदि।
2.5 फीसदी का सालाना ब्याज
बांड में किए गए निवेश पर हर साल 2.5 फीसदी का ब्याज मिलता है। ब्याज का भुगतान हर छह महीने पर किया जाता है। चूंकि बांड की कीमत गोल्ड की कीमत से तय होती है, इसलिए सोने की कीमत में बढ़ोतरी होने पर बांड का मूल्य भी बढ़ेगा। निवेशक जब बांड बेचेगा, उस वक्त सोने की जो कीमत होगी, उसी के आधार पर उसे कीमत मिलेगी।
हर कोई नहीं खरीद सकता है गोल्ड बांड
गोल्ड बांड हर कोई नहीं खरीद सकता है। भारतीय निवासी, हिंदू अविभाजित परिवार (एचयूएफ), ट्रस्ट, विश्वविद्यालय और चैरिटेबल संस्थान ही गोल्ड बांड में निवेश कर सकते हैं।
न्यूनतम 1 ग्राम का निवेश
सॉवरेन गोल्ड बांड में न्यूनतम एक ग्राम का निवेश किया जा सकता है। जहां तक अधिकतम निवेश की बात है, तो एक कारोबारी साल में एक व्यक्ति या एचयूएफ अधिकतम 4 किलोग्राम का और ट्र्रस्ट या उस जैसा अन्य संस्थान अधिकतम 20 किलोग्राम का निवेश कर सकता है।
बैंक से खरीद सकते हैं गोल्ड बांड
गोल्ड बांड बैंकों (स्मॉल फाइनेंस बैंक और पेमेंट बैंकों को छोड़कर), स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एसएचसीआईएल), निर्धारित डाक घरों और मान्यताप्राप्त शेयर बाजारों (बीएसई और एनएसई) के जरिये बेचा जाएगा। डीमैट अकाउंट के जरिये भी निवेशक गोल्ड बांड में उसी प्रकार निवेश कर सकते हैं, जिस प्रकार वे शेयरों में निवेश किया जाता है।