जालंधर. पंजाब (Punjab) के जालंधर (Jalandhar) में एक गर्भवती महिला और पेट में पल रहे भ्रूण की मौत का मामला सामने आया है. मिली जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) निवासी 22 वर्षीय विक्की जालंधर के आदमपुर में ईंट भट्ठे पर मजदूरी करता था. 28 मई को उसकी 19 वर्षीय पत्नी सीमा के पेट में अचानक दर्द हुआ और वह अस्पताल लेकर पहुंचा जहां डॉक्टर्स ने उसे जालंधर के लिए रेफर कर दिया. यहां सीमा के इलाज से पहले उसका कोरोना की जांच शुरू हुई, जिसमें काफी समय लगा. सीमा की बिगड़ती हालत देखते हुए जालंधर के डॉक्टरों ने उसे अमृतसर रेफर कर दिया. इसके बाद वहां भी डॉक्टरों ने हाथ खड़े कर दिए. विक्की, सीमा को लेकर जालंधर लौट आया. यहां सीमा को सिविल हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया जहां उसकी मौत हो गई. डॉक्टरों की लापरवाही सामने आने के बाद जिला प्रशासन ने उच्च स्तरीय जांच के आदेश दे दिए हैं. डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर ने कहा कि यह एक गंभीर मामला है और इसकी जांच होगी. मामले की जांच स्मार्ट सिटी की सीईओ आईएएस शीना अग्रवाल को सौंपी गई है और 1 हफ्ते के भीतर रिपोर्ट मांगी गई है. डॉक्टर ने क्या कहा? वहीं विक्की ने कहा कि 5 मई को जब उसने पत्नी का अल्ट्रासाउंड कराया था, तब स्थिति ठीक थी. अमृतसर में पत्नी को दो दिन तक भर्ती नहीं किया गया. वहां के डॉक्टरों ने ठीक से इलाज नहीं किया. वहीं डॉक्टरों का कहना है कि सीमा के पेट में बच्चे की मौत पहले ही हो गई थी और बेहतर इलाज के लिए कहीं और जाने को कहा गया था. सिविल सर्जन डॉ. गुरिंदर चावला ने कहा कि सीमा के ट्रीटमेंट में कोई कमी नहीं रखी गई. बच्चा पहले ही मर चुका था लेकिन और बेहतर इलाज के लिए हमने उन्हें किसी और अस्पताल में दिखाने की सलाह दी. जब वह लौट कर आया तो हमने पूछा क्या हुआ तो विक्की ने बताया कि मेडिकल कॉलेज अमृतसर में ठीक इलाज नहीं हुआ इसलिए वह जालंधर आ गया.