रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) ने शुक्रवार को कहा कि अबु धाबी की इन्वेस्टमेंट कंपनी मुबादला उसकी डिजिटल आर्म जियो प्लेटफॉर्म्स में 1.85% हिस्सेदारी के लिए 9093.6 करोड़ रुपए का निवेश करेगी। जियो प्लेटफॉर्म्स को 6 हफ्ते से भी कम समय में यह छठा निवेश मिला है। उसे अब तक 18.97% हिस्सेदारी के लिए 87655.35 करोड़ रुपए का निवेश मिल चुका है।
4.91 लाख करोड़ रुपए की इक्विटी वैल्यू पर हुआ निवेश
आरआईएल की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि मुबादला ने यह निवेश जियो प्लेटफॉर्म्स की इक्विटी वैल्यू 4.91 लाख करोड़ रुपए और एंटरप्राइजेज वैल्यू 5.16 लाख करोड़ रुपए पर किया है। आरआईएल ने कहा है कि इस निवेश के जरिए मुबादला को जियो प्लेटफॉर्म्स में 1.85% हिस्सेदारी मिल जाएगी।
अब तक 87,655 करोड़ रुपए मिले
कंपनी |
निवेश (करोड़ रु. में) |
हिस्सेदारी |
फेसबुक |
43574 |
9.99% |
सिल्वर लेक |
5656 |
1.15% |
विस्टा इक्विटी |
11,367 |
2.32% |
जनरल अटलांटिक |
6598 |
1.34% |
केकेआर |
11,367 |
2.32% |
मुबादला |
9,094 |
1.85% |
कुल |
87655 |
18.97% |
जियो प्लेटफॉर्म्स में निवेश करने वाली पहली गैर अमेरिकी कंपनी
निवेश के लिहाज से आरआईएल का जियो प्लेटफॉर्म्स अमेरिकी कंपनियों की पहली पसंद बना हुआ है। अब मुबादला जियो प्लेटफॉर्म्स में निवेश करने वाली पहली गैर-अमेरिकी कंपनी बन गई है। इससे पहले निवेश करने वाली फेसबुक, सिल्वर लेक, विस्टा इक्विटी पार्टनर्स, जनरल अटलांटिक और केकेआर एंड कंपनी सभी अमेरिकी कंपनी हैं।
हम मुबादला के अनुभव से लाभ पाना चाहते हैं: मुकेश अंबानी
रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी ने कहा कि मुझे खुशी है कि दुनिया की सबसे बेहतर और परिवर्तनकारी निवेशकों में से एक मुबादला ने हमारे साथ पार्टनरशिप का फैसला किया है। वह भारत को डिजिटल राष्ट्र बनाने की हमारी यात्रा का हमसफर बनेंगे। उन्होंने आगे कहा कि अबू धाबी के साथ मेरे लंबे समय से संबंध हैं और मैंने देखा है कि यूएई की ज्ञान-आधारित अर्थव्यवस्था को दुनिया से जोड़ने और विविधता के रंग भरने में मुबाडाला ने जबरदस्त काम किया है। हम मुबादला के अनुभव से लाभ पाना चाहता हैं।
जियो ने भारत में संचार और कनेक्टिविटी को बदला
मुबादला इन्वेस्टमेंट कंपनी के प्रबंध निदेशक और समूह के सीईओ खलदून अल मुबारक ने कहा कि हमने देखा है कि कैसे जियो ने भारत में संचार और कनेक्टिविटी को बदल दिया है। एक निवेशक और भागीदार के रूप में हम भारत की डिजिटल विकास यात्रा को समर्थन देने लिए प्रतिबद्ध हैं।
आरआईएल की डिजिटल सब्सिडियरी है जियो प्लेटफॉर्म
जियो प्लेटफॉर्म्स रिलायंस इंडस्ट्रीज की डिजिटल सब्सिडियरी है। यह कंपनी आरआईएल ग्रुप के डिजिटल बिजनेस एसेट्स जैसे रिलायंस जियो इन्फोकॉम लिमिटेड, जियो ऐप्स और हैप्टिक, रिवायर, फाइंड, नाउफ्लोट्स, हैथवे और डैन समेत कई अन्य एंटीटी में निवेश का संचालन करती है।
इस साल दिसंबर तक कर्ज मुक्त कंपनी बन सकती है रिलायंस इंडस्ट्रीज
मुकेश अंबानी ने पिछले साल अगस्त में आरआईएल को मार्च 2021 तक नेट आधार पर कर्ज मुक्त कंपनी बनाने का लक्ष्य तय किया था। फेसबुक सौदा, 53125 करोड़ रुपए के राइट्स इश्यू, निजी इक्विटी निवेश और सऊदी अरामको समेत कई और कंपनियों को हिस्सेदारी बेचे जाने से कर्ज मुक्ति का लक्ष्य इस साल दिसंबर में ही पूरा हो जाने की उम्मीद है।
रिलायंस इंडस्ट्र्रीज पर मार्च में था 1,61,035 करोड़ रुपए का शुद्ध कर्ज
मार्च तिमाही के अंत में रिलायंस पर 3,36,294 करोड़ रुपए का कर्ज बकाया था। उस समय कंपनी के पास 1,75,259 करोड़ रुपए की नकदी थी। कर्ज को नकदी के साथ एडजस्ट करने के बाद कंपनी का नेट कर्ज 1,61,035 करोड़ रुपए था। कंपनी पर जो कर्ज बकाया है, उसमें से 2,62,000 करोड़ रुपए का कर्ज रिलायंस के बैलेंसशीट पर है और 23,000 करोड़ रुपए का कर्ज जियो पर है।