श्रीनगर. बाबा बर्फानी की पहली तस्वीरें सामने आई हैं। तस्वीरों में अमरनाथ गुफा और उसके ठीक पहले का इलाका नजर आ रहा है। चारों ओर बर्फ है और गुफा के भीतर बर्फ का शिवलिंग पूरा बन चुका है। हालांकि ये तस्वीरें किसने ली हैं ये पता नहीं चल पाया है।
23 जून से अमरनाथ यात्रा शुरू होनी है, लेकिन कोरोना के चलते यात्रा होगी या नहीं यह अभी तय नहीं है। 22 अप्रैल को अमरनाथ श्राइन बोर्ड ने यात्रा को कैंसिल करने की एक प्रेस रिलीज जारी की थी। जिसे बाद में वापस ले लिया था।
सूत्रों के मुताबिक श्राइन बोर्ड ने इस बार कोरोना के चलते यात्रा का समय सिर्फ 15 दिन करने का प्रस्ताव दिया है। जिसमें ये भी कहा है कि यात्रा सिर्फ बालटाल रूट से करवाई जाए। गौरतलब है कि यात्रा का पारंपरिक रास्ता पहलगाम, चंदनवाड़ी, शेषनाग, पंचतरणी से होकर जाता है।
क्या हुआ था 22 अप्रैल को
अमरनाथ यात्रा होगी या नहीं होगी इसे लेकर जम्मू के राजभवन में 22 अप्रैल को हां-ना-हां-ना का दौर चला। पहले राजभवन ने अमरनाथ यात्रा कैंसिल करने की जानकारी जारी की और फिर उस जानकारी वाली प्रेस रिलीज को ही कैंसिल कर दिया। और घंटेभर बाद तीसरी प्रेस रिलीज जारी कर सफाई देते हुए कहा कि आज की तारीख में यात्रा करवाना संभव नहीं है लेकिन यात्रा होगी या नहीं इसका फैसला बाद में लेंगे।
जम्मू कश्मीर में 407 पॉजिटिव मरीज हैं जिनमें से 351 सिर्फ कश्मीर से हैं। तय कार्यक्रम के मुताबिक इस यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन 1 अप्रेल को शुरू होने थे। यात्रा शुरू होने के महीने पहले रूट से बर्फ हटाने का काम हो जाता है जबकि इस बार वहां अभी भी कई फीट बर्फ मौजूद है।
इससे पहले पिछले साल केंद्र सरकार ने सुरक्षा का हवाला देते हुए धारा 370 हटाने के ठीक 3 दिन पहले अगस्त में अमरनाथ यात्रा रोक दी थी। यात्रा रुकने से पहले 3.5 लाख लोग पवित्र गुफा में दर्शन कर चुके थे।
यात्रा पर अब तक हुए आतंकी हमले
- 1994 में हरकत उल अंसार के आतंकवादी हमले में दो यात्रियों की मौत हो गई।1995 में हरकत उल असंार ने तीन हमलों को अंजाम दिया, हांलाकि इसमें कोई हताहत नहीं हुआ। 1996 में भी ऐसे कई हमले अमरनाथ यात्रा पर हुए लेकिन किसी तरह की क्षति नहीं हुई।
- अगस्त 2000 में पहलगाम बेस कैम्प पर हुए हमले में 30 यात्रियों की मौत हो गई थी। वहीं 2001 में शेषनाग के पास आतंकियों ने हमला किया था जिसमें तीन पुलिसवालों समेत 12 यात्रियों की मौत हुई थी। वहीं लगातार तीसरे साल 2002 में आतंकवादियों के दो अलग-अलग हमलों में दस यात्री मारे गए थे।
- वहीं तीन साल पहले 2017 में अनंतनाग के पास आतंकवादियों ने यात्रियों की बस को निशाना बनाया था जिसमें आठ यात्री मारे गए थे जबकि 18 घायल हुए थे।
पिछले सालों में यात्रियों की संख्या
साल |
यात्रियों की संख्या |
2019 |
3.50 लाख (2 अगस्त को यात्रा बंद करने से पहले) |
2018 |
2.85 लाख |
2017 |
2.60 लाख |
2016 |
2.20 लाख ( बुरहान वानी के एनकाउंटर के बाद बिगड़े हालात के चलते) |
2015 |
3.52 लाख |