लखनऊ. अयोध्या में विवादित ढांचा विध्वंस मामले में गुरुवार को 7 आरोपी सीबीआई की विशेष अदालत में न्यायमूर्ति सुरेंद्र कुमार यादव की समक्ष अपने बयान दर्ज कराएंगे। कोर्ट में विनय कटियार, पवन पांडेय, राम विलास वेदांती, धर्मदास, विजय बहादुर, संतोष दुबे, गांधी यादव से एक हजार से अधिक सवालों के जवाब लिए जाएंगे। सीबीआई सीआरपीसी की धारा 313 के तहत सवाल करेगी। अन्य आरोपियों को गवाही के लिए कोर्ट तारीख तय करेगा। इससे पहले 28 मई को कोर्ट में पेशी थी, लेकिन आरोपियों के वकील ने दलील दी थी कि लॉकडाउन के चलते सभी लोगों से संपर्क नहीं हो पाया। इसलिए स्थगन आदेश दिया जाए। इस पर कोर्ट ने सुनवाई के लिए 4 जून नई तारीख दी थी।
49 आरोपी बनाए गए थे, 32 बचे जीवित
28 साल पहले यानी 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में थाना राम जन्मभूमि में एक एफआईआर दर्ज कराई गई थी। सीबीआई ने मामले की जांच करते हुए 49 आरोपियों के खिलाफ विशेष अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया था। इस मामले में पूर्व गृहमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी, पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती, पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी, पवन कुमार पांडेय, बृजभूषण शरण सिंह, सतीश प्रधान, विनय कटियार, साध्वी ऋतभरा, राम विलास वेदांती, चंपत राय, नृत्यगोपाल दास, लल्लू सिंह, महंत धर्मदास, साक्षी महाराज, आरएन श्रीवास्तव आरोपियों में शामिल हैं। आरोपियों में 32 जीवित हैं, जबकि 19 की मौत हो चुकी है। मामले में सीबीआई की तरफ से बीते बुधवार को गवाही पूरी हो चुकी है।
इनकी हो चुकी है मौत
इस केस में आरोपी रहे अशोक सिंघल, गिरिराज किशोर, विष्णु हरि डालमिया, मोरेश्वर सावें, महंत अवैद्यनाथ, महामंडलेश्वर जगदीश मुनि महाराज, वैकुंठ लाल शर्मा, परमहंस रामचंद्र दास, डॉ. सतीश नागर, बालासाहेब ठाकरे, तत्कालीन एसएसपी डीबी राय, रमेश प्रताप सिंह, महत्यागी हरगोविंद सिंह, लक्ष्मी नारायण दास, राम नारायण दास और विनोद कुमार बंसल की मृत्यु हो चुकी है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर विशेष अदालत में प्रतिदिन सुनवाई की जा रही है।
सुप्रीम कोर्ट ने 31 अगस्त तक फैसला सुनाने का निर्देश दिया था
सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई की विशेष न्यायाधीश को बाबरी मस्जिद विध्वंस केस को 31 अगस्त तक पूरा करने का आदेश दिया था। इससे पहले मामले में अप्रैल माह तक फैसला सुनाया जाना था। ट्रायल न्यायाधीश एस यादव ने 6 मई को शीर्ष अदालत को पत्र लिखकर समय बढ़ाने की मांग की थी। जिसमें कहा गया था कि साक्ष्य की रिकॉर्डिंग अभी पूरी नहीं हुई है।