पटना. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को कोरोना संकट को लेकर जनता को संदेश दिया। उन्होंने कहा- बिहार के लोगों को प्रवासी कहा गया तो मुझे बहुत तकलीफ हुई। देश एक है और कोई कहीं भी काम करने जा सकता है। ऐसे में हमारे लोग प्रवासी कैसे हो गए? अब बिहार में ऐसी व्यवस्था कर रहे हैं कि किसी को कहीं बाहर जाने की जरूरत न पड़े। बड़े पैमाने पर रोजगार का इंतजाम किया जा रहा है। सभी विभागों को इसके लिए जिम्मेदारी दी गई है। लोग मजबूरी में कमाने के लिए बाहर गए थे। सभी के स्किल की सूची तैयारी की जा रही है और लोगों के हुनर पर उन्हें रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा।
एक दूसरे को मास्क पहनने के लिए प्रेरित करें
नीतीश बोले- लोग एक दूसरे को मास्क पहनने के लिए प्रेरित करें। जिन लोगों में कोरोना के लक्षण मिलते हैं तो तुरंत जांच कराएं। बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं और बच्चों का विशेष ख्याल रखें। किसी काम से बाहर निकलें तो मास्क लगाएं और एक दूसरे से कम से कम दो गज की दूरी बनाएं। जिनकी तबीयत खराब है उनका विशेष ख्याल रखें। लॉकडाउन के बाद बाजार खुल गया है और पिछले दो दिनों में जो रिपोर्ट मिली है उसके मुताबिक 50 से 60 प्रतिशत लोग ही मास्क का उपयोग कर रहे हैं, जो लोग मास्क नहीं पहन रहे हैं, उनकी वजह से खतरा बढ़ सकता है। सभी लोग स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी किए गए नियमों का पालन करें।
कोरोना डेडिकेटेड अस्पताल में सिर्फ गंभीर मरीजों का इलाज
नीतीश ने कहा कि जितने लोगों के बाहर से आना था वे आ चुके हैं। अब जिन लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आएगी और उसमें कोरोना का कोई लक्षण नहीं दिखता है, ऐसे लोगों को आइसोलेशन सेंटर में रखा जाएगा। बुखार या हल्के लक्षण वाले मरीजों को अनुमंडल स्तर पर बना कोविड हेल्थ सेंटर में रखा जाएगा। ज्यादा गंभीर बीमारी वाले मरीजों का इलाज कोरोना डेडिकेटेड अस्पताल में होगा। बिहार में तीन कोरोना डेडिकेटेड अस्पताल बनाए गए हैं। पटना के एनएमसीएच, गया के एएनएमसीएच और भागलपुर के जेएलएनसीएच में लोगों का इलाज हो रहा है।
15 जून के बाद क्वारैंटाइन सेंटर की जरूरत नहीं होगी
नीतीश ने कहा- अभी 5 लाख से ज्यादा लोग क्वारैंटाइन सेंटर में हैं। 15 जून के बाद सेंटर की जरूरत नहीं पड़ेगी। बाहर से आए लोगों को 14 दिनों तक सेंटर में रखा गया और प्रति व्यक्ति 5300 रुपए खर्च किए गए। सीएम ने कहा कि हल्के लक्षण वाले मरीजों के लिए आइसोलेशन सेंटर की व्यवस्था की जा रही है। स्कूल और कॉलेज में अब सेंटर नहीं रहेंगे। सरकारी भवन जिनका उपयोग नहीं हो रहा है और किराए पर होटल लेकर आइसोलेशन सेंटर बनाए जाएंगे। अभी 13 हजार 796 बेड की व्यवस्था है। 40 हजार बेड की व्यवस्थी की जाएगी।