वन विभाग की महिला अधिकारी पर तेंदुए ने किया हमला, शरीर से खून बहता रहा, फिर भी साथियों के साथ मिलकर तेंदुए को पकड़ा

Posted By: Himmat Jaithwar
6/2/2020

रत्नागिरी. रत्नागिरी में तैनात रेंज फॉरेस्ट ऑफिसर (आरएफओ) प्रियंका लागड़ शुकवार शाम 4.30 बजे ऑफिस में बैठीं थीं, तभी उनके पास फोन आया कि बावनदी गांव के शेल्टीवाड़ी में एक महिला पर तेंदुए ने हमला कर दिया। सूचना मिलते ही प्रियंका, रेंज फॉरेस्ट ऑफिसर राजेंद्र पाटिल और उनकी टीम पिंजड़े को लेकर करीब 15 मिनट में मौके पर पहुंच गईं। हालांकि, तब तक तेंदुआ महिला के चेहरे पर कई घाव देकर गायब हो चुका था। प्रियंका और राजेंद्र पाटिल मौके पर ही तेंदुए को पकड़ने की प्लानिंग कर रहे थे तभी पास के पेड़ पर चढ़े तेंदुए ने प्रियंका पर हमला कर दिया। अब आगे क्या हुआ यह पूरी कहानी सुनिए, खुद प्रियंका की जुबानी।

'तेंदुए ने मेरी जांघ को जबड़े में ले लिया'

'मौके पर मौजूद कुछ गांववालों से हम तेंदुए के हमले की डिटेल ले रहे थे। उसे पकड़ने के लिए मैं अपनी टीम के साथ प्लानिंग कर ही रही थी कि उसने मुझ पर हमला किया और मेरी जांघ को पकड़ लिया। वहां मौजूद कुछ लोगों ने उसे पकड़ कर उसे मुझसे दूर हटाया। इसके बाद वह राजेंद्र पाटिल पर लपका, लेकिन उन्होंने फुर्ती दिखाते हुए उसका मुंह पकड़ लिया।' 

प्रियंका लागड़(बाएं), आरएफओ राजेन्द्र पाटिल(बीच में) और फारेस्ट गार्ड कडुकर(दाएं) ने एक साथ मिलकर इस तेंदुए को पकड़ा था।

'घायल होने के बावजूद मैं वहां से नहीं हटी'
'घायल होने के बावजूद मैं वहां से हटी नहीं। मेरे पैरों से खून बह रहा था और मैं तेंदुए को पकड़ने के लिए आगे बढ़ी। इसके बाद फॉरेस्ट गार्ड कडुकर भी हमारी मदद के लिए आगे आए। राजेन्द्र पाटिल ने तेंदुए का मुंह पकड़ा हुआ था। इस दौरान वह थोड़ा कमजोर पड़ा और हम तीनों ने कुछ गांववालों के साथ मिलकर उसे काबू करके पिंजड़े में बंद कर दिया।'

'न डर लगा और न ही घबराहट हुई' 
'जब हमला हुआ तो न मुझे डर लगा और न ही कोई घबराहट हुई। मेरे सामने तेंदुआ था और उसे पकड़ने का प्रयास कर रहे मेरे दो साथी। दर्द के बावजूद मैंने हिम्मत दिखाई और उसे पकड़ने के लिए कूदी। उस समय जो भी हुआ वह कुछ सेकंड में हुआ। मुझे समझने का वक्त ही नहीं मिला। मेरे दिमाग में एक ही बात थी कि तेंदुए को पकड़ना है।' 

'रास्ते में कार्डियक अरेस्ट के कारण हुई तेंदुए की मौत' 
'हम लोगों ने तेंदुए को पकड़ लिया था। वह हमारी जकड़ में आ चुका था। तेंदुए को गांव से पकड़कर फॉरेस्ट ऑफिस ले जाते वक्त रास्ते में उसकी मौत हो गई थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से खुलासा हुआ कि उसे कार्डियक अरेस्ट हुआ था। अचानक पैनिक के कारण उसने दम तोड़ दिया। हमें इस बात का दुख है कि हम उसे बचा नहीं सके। तेंदुए को पकड़ने में हम तीनों घायल हुए। फिलहाल, तीनों खतरे से बाहर हैं।'

पकड़े जाने पर तेंदुए को वन विभाग के दफ्तर तक ले जाने के दौरान उसकी मौत कार्डियक अरेस्ट की वजह से हो गई।

सोशल मीडिया में शेयर हो रही बहादुरी की कहानी

तेंदुए को पकड़ने की इस कहानी को सोशल मीडिया में भी शेयर किया जा रहा है। आईएफएस @rao_muvvala ने लिखा ...



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