वॉशिंगटन. 25 मई को अश्वेत नागरिक जॉर्ज फ्लॉयड की पुलिस के हाथों मौत के बाद अमेरिका में विरोध प्रदर्शन और हिंसा जारी हैं। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक बार फिर प्रदर्शनकारियों को सख्त लहजे में वॉर्निंग दी। ट्रम्प ने सोमवार रात कहा कि अगर हिंसा जारी रही तो वो सेना तैनात करेंगे।
इसके पहले भी राष्ट्रपति प्रदर्शनकारियों को चेतावनी दे चुके हैं। कुछ दिनों पहले उन्होंने कहा था कि हमारे पास बेहतरीन हथियार और खतरनाक कुत्ते हैं।
अपील और चेतावनी, दोनों काम नहीं आईं
अमेरिका के ज्यादातर राज्यों में जॉर्ज की पुलिस अफसर के हाथों मौत के बाद विरोध प्रदर्शन और हिंसा हो रही है। एक हफ्ता बीत चुका है लेकिन, ज्यादातर राज्य अब तक हिंसा, आगजनी और लूटपाट पर पूरी तरह काबू नहीं पा सके हैं। राष्ट्रपति की अपील और चेतावनी भी काम नहीं आई। सोमवार शाम ट्रम्प ने मीडिया से कहा कि सभी अमेरिकी जॉर्ज के साथ हुई बर्बर घटना से दुखी हैं। उन्होंने भरोसा दिलाया कि जॉर्ज को इंसाफ जरूर मिलेगा। साथ ही प्रदर्शनकारियों को चेतावनी दी। कहा- अगर हिंसा और लूटपाट जैसी घटनाएं नहीं रुकीं तो हम सेना तैनात कर देंगे।
पुलिस को नहीं है किसी की जान लेने का अधिकार
जॉर्ज की मौत के कुछ वीडियोज सामने आए हैं। कुछ घटनास्थल पर मौजूद लोगों ने बनाए तो कुछ सिक्युरिटी सर्विलांस कैमरों में दर्ज हुए। खास बात ये है कि पुलिस ने फ्लॉयड पर जो भी तरीके आजमाए वो विभागीय नियमों का उल्लंघन हैं। पुलिस अफसर दम घोंटता रहा, जॉर्ज ही नहीं बाकी लोग भी उसे छोड़ देने की अपील करते रहे। लेकिन, पुलिस की बर्बरता के आगे किसी की एक न चली। जॉर्ज फ्लॉयड की मौत कत्ल नहीं तो और क्या है।
फ्लॉयड की मौत के अगले दिन घटना में शामिल सभी चार पुलिस अफसरों को बर्खास्त किया जा चुका हैै। हेनेपिन काउंटी के अटॉर्नी माइक फ्रीमैन ने कहा कि जॉर्ज का गला दबाने वाले डेरेक चौवेन के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया जाएगा।
चारों अफसरों के खिलाफ जांच
चौवेन के खिलाफ दर्ज केस में साफ कहा गया है कि उन्होंने 8 मिनट 46 सेकंड तक जॉर्ज की गर्दन अपने घुटने से दबाए रखी। हैरानी की बात ये है कि चौवेन ने फ्लॉयड की सांस रुकने के बाद भी घुटना नहीं हटाया। वो तब हटे जब मेडिकल टीम वहां पहुंच गई। घटना में तीन और अफसर शामिल थे। इनके नाम हैं- थॉमस लेन, जे. एलेक्जेंडर और टोउ थाओ। इनके खिलाफ भी जांच जारी है।