वॉशिंगटन. अमेरिका में अश्वेत नागरिक जॉर्ज फ्लॉयड की पुलिस के हाथों मौत का मामला बढ़ता जा रहा है। 50 में से 40 राज्यों में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। इस दौरान हिंसा भी हुई। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प खुद फ्लॉयड के परिवार से बातचीत कर चुके हैं। प्रशासन की चिंता ये है कि प्रदर्शनकारी अब व्हाइट हाउस तक पहुंच गए हैं। रविवार देर रात प्रदर्शनकारियों ने व्हाइट हाउस से कुछ मीटर दूरी पर मौजूद 200 साल पुराने सेंट जॉन चर्च को आग लगा दी। 1816 में बने इस चर्च को ‘चर्च ऑफ प्रेसिडेंट्स’ भी कहा जाता है। व्हाइट हाउस में रहने वाला हर अमेरिकी राष्ट्रपति यहां आता रहा है। व्हाइट हाउस ने अपने कर्मचारियों को एक ई-मेल किया है। इसमें सभी कर्मचारियों से कहा गया है कि वो आते और जाते वक्त अपने एंट्री पास को छिपाकर रखें। ऐसा इसलिए किया गया है ताकि कर्मचारी प्रदर्शनकारियों के गुस्से का शिकार न बन जाएं या कोई इन पास को छीन न ले। यहां अमेरिका में हो रहे प्रदर्शन की तस्वीरें।चर्च में आगजनी की घटना के बाद इसके चारों तरफ पुलिस और नेशनल गार्ड्स तैनात कर दिए गए। यह चर्च 1816 में बनाया गया था। सेंट जॉन चर्च को ‘चर्च ऑफ प्रेसिडेंट्स’ भी कहा जाता है। इसकी वजह यह है कि व्हाइट हाउस में जो भी राष्ट्रपति रहता है, वह यहां अकसर आता है। व्हाइट हाउस के सामने रविवार रात विरोध प्रदर्शन को दूर से देखते लोग। अमेरिका के 40 राज्यों में अश्वेत की मौत के बाद विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के विरोध में हो रहे प्रदर्शनों में कई तरह के स्लोगन इस्तेमाल हो रहे हैं। 26 मई को एक पुलिस अफसर ने जॉर्ज की गर्दन 8 मिनट तक घुटने से दबाई थी। तब उसने गुहार लगाते हुए कहा था- मैं सांस नहीं ले पा रहा हूं। इसके बाद दम तोड़ दिया था। प्रदर्शनों में कुछ लोग इसी कैप्शन वाले मास्क लगाकर शामिल हो रहे हैं।बोस्टन की सड़कों पर भी जॉर्ज को न्याय दिलाने की मांग को लेकर प्रदर्शन जारी हैं। लोग रैली निकाल रहे हैं। ऐसी ही एक रैली को अपनी कार में बैठकर देखता परिवार। वॉशिंगटन में हिंसा की कई घटनाएं हुईं। पुलिस ने कुछ प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया। स्थानीय प्रशासन ने अब यहां नेशनल गार्ड्स को तैनात किया है। वॉशिंगटन में पुलिस की सबसे बड़ी चुनौती प्रदर्शनकारियों को व्हाइट हाउस और यहां की दूसरी महत्वपूर्ण सरकारी इमारतों से दूर रखना है।मिनेसोटा में भी फ्लॉयड की पुलिस के हाथों मौत के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। यहां के गवर्नर ने ट्रम्प प्रशासन से रिजर्व फोर्स भेजने को कहा है। वॉशिंगटन में कई जगह विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। खास बात ये है कि कई संगठन इनसे जुड़े हैं। सोमवार को पुलिस ने कहा कि कुछ छात्र और श्वेत संगठनों के खिलाफ भी जांच की जा रही है। जॉर्ज की मौत के खिलाफ लोगों में बेहद गुस्सा है। पहचान छिपाने के लिए कई प्रदर्शनकारी अलग-अलग तरह के मास्क लगाकर आ रहे हैं। तस्वीर मियामी की है। फ्लॉयड की पुलिस के हाथों मौत का विरोध अलग-अलग तरीकों से हो रहा है। जॉर्जिया में दीवारों पर ग्रैफिटी बनाकर पुलिस पर तंज कसे जा रहे हैं। जॉर्ज का एक भाई जॉर्जिया में ही रहता है। टेक्सॉस में लोगों ने जॉर्ज को श्रद्धांजलि दी। इसके लिए चर्च में प्रार्थना सभा भी हुई। इसके कुछ देर बाद यहां हिंसा की खबरें आईं। पुलिस ने रबर बुलेट्स का इस्तेमाल किया।
वॉशिंगटन. अमेरिका में अश्वेत नागरिक जॉर्ज फ्लॉयड की पुलिस के हाथों मौत का मामला बढ़ता जा रहा है। 50 में से 40 राज्यों में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। इस दौरान हिंसा भी हुई। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प खुद फ्लॉयड के परिवार से बातचीत कर चुके हैं। प्रशासन की चिंता ये है कि प्रदर्शनकारी अब व्हाइट हाउस तक पहुंच गए हैं। रविवार देर रात प्रदर्शनकारियों ने व्हाइट हाउस से कुछ मीटर दूरी पर मौजूद 200 साल पुराने सेंट जॉन चर्च को आग लगा दी। 1816 में बने इस चर्च को ‘चर्च ऑफ प्रेसिडेंट्स’ भी कहा जाता है। व्हाइट हाउस में रहने वाला हर अमेरिकी राष्ट्रपति यहां आता रहा है। व्हाइट हाउस ने अपने कर्मचारियों को एक ई-मेल किया है। इसमें सभी कर्मचारियों से कहा गया है कि वो आते और जाते वक्त अपने एंट्री पास को छिपाकर रखें। ऐसा इसलिए किया गया है ताकि कर्मचारी प्रदर्शनकारियों के गुस्से का शिकार न बन जाएं या कोई इन पास को छीन न ले। यहां अमेरिका में हो रहे प्रदर्शन की तस्वीरें।