क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी है स्पीरिचुअल हैं ? आपका जवाब होगा शायद 'हां' कुछ अरसे पहले पीएम मोदी से एक नेशनल न्यूज चैनल ने पूछा था कि क्या आप धार्मिक हैं ? तो चंद सैकेंड में एक लाइन में जवाब आया कि वो स्पीरिचुअल हैं। 11 अक्टूबर को पीएम मोदी मध्य प्रदेश के उज्जैन में बने महाकाल लोक का उद्घाटन कर रहे थे तो एक बात साफ हो गई है कि वो पूरे भारत में प्राचीन, धार्मिक, सांस्कृतिक विरासत और धरोहर रहे मंदिरों का जीर्णोद्वार कर उन्हें अपनी पुरानी गरिमा वापस दिला रहे हैं। पीएम मोदी देश में आध्यात्मिक जागृति ला रहे हैं। आइये जानते पीएम मोदी ने अब तक इस देश में क्या-क्या काम किए हैं।
कश्मीर में मंदिरों का पुनरोद्दार - मोदी सरकार के आंकलन के अनुसार कश्मीर घाटी में अभी 1842 धार्मिक स्थल हैं जिनमें 952 मंदिर है। 740 जीर्ण शीर्ण हालत में है। जबकि 212 में पूजा होती है। धारा 370 हटने के बाद मोदी सरकार ने श्रीनगर में कई पुराने मंदिरों का पुनर्निर्माण शुरु किया है। मोदी सरकार ने सबसे पहले झेलम नदी के किनारे बने रघुनाथ मंदिर का फिर से निर्माण किया।
चार धाम परियोजना -मोदी सरकार ने देवभूमि उत्तराखंड के लिए चार धाम परियोजना शुरू की है। इस योजना के तहत चारों धामों यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ, बद्रीनाथ धाम को जोड़ने वाली एक सड़क का निर्माण किया जा रहा है। जो हर मौसम की मार झेलने के लिए तैयार है। इसके अलावा ऋषिकेश को रेल मार्ग से कर्णप्रयाग से जोड़ने का काम चल रहा है। ये रेलवे याइन 2025 से शुरू हो जाएगी।
केदारनाथ धाम - 2013 की भीषण आपदा से बर्बाद हुए केदारनाथ धाम की भव्यता को फिर से निखारा गया। मोदी सरकार में केदारनाथ धाम में कई विकास कार्य पूरे हो चुके हैं। जबकि कुछ मास्टर प्लान पर अभी काम चल रहा है।
काशी विश्वनाथ कॉरिडोर- यह भारत का दूसरा सबसे बड़ा कॉरिडोर है। करीब सवा 5 लाख स्क्वायर फीट में इसका निर्माण हुआ। साल 1735 में इंदौर की महारानी देवी अहिल्याबाई के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मंदिर का पुनर्निर्माण कराया। पीएम मोदी ने रेवती नक्षत्र में 13 दिसंबर 2021 को इसका उद्घाटन किया था। 286 साल बाद काशी विश्वनाथ धाम को नया रुप मिला। इस भव्य कॉरिडोर में छोटी-बड़ी 23 इमारतें और 27 मंदिर हैं। इसके निर्माण में 32 महीने का समय लगा।
राम मंदिर भूमि पूजन - राम मंदिर निर्माण की आधारशिला 492 वर्ष के बाद रखी गई। मंदिर निर्माण से पहले इसका भूमि पूजन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 अगस्त 2020 को अभिजीत मुहूर्त में किया था। श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के अनुसार इस मंदिर के निर्माण में 1800 करोड़ खर्च होने का अनुमान है।
सोमनाथ - प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 20 अगस्त 2021 को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से गुजरात स्थित सोमनाथ मंदिर के पुननिर्माण के लिए विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इन परियोजनाओं में सोमनाथ समुद्र दर्शन पथ, सोमनाथ प्रदर्शनी केंद्र और पुराने (जूना) सोमनाथ का पुनर्निर्मित मंदिर परिसर शामिल हैं।
आदि शंकराचार्य की प्रतिमा
पीएम मोदी ने 5 नवंबर 2021 को उत्तराखंड के केदारनाथ धाम में श्री आदि शंकराचार्य की मूर्ति का अनावरण किया था। साल 2013 में आपदा के बाद पीएम मोदी ने केदारनाथ का पुन: निर्माण करने की इच्छा जताई थी।
रामपथ गमन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी परियोजना रामपथ गमन का उद्देश्य 9 राज्यों के उन 15 स्थानों का पुननिर्माण करना जहां-जहां भगवान श्रीराम गए थे। इस परियोजना में इन स्थानों का धार्मिक और पर्यटन के लिहाज से विकसित करना है। फिलहाल इस योजना पर सभी 9 राज्यों की सरकार केन्द्र सरकार के साथ मिलकर काम कर रही हैं।
स्टैच्यू ऑफ इक्वेलिटी- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 फरवरी 2022 को हैदराबाद में 11वीं सदी के हिंदू संत रामानुजाचार्य के सम्मान में बनी 216 फीट ऊंची स्टैच्यू ऑफ इक्वेलिटी का उद्घाटन किया था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस प्रतिमा में 120 किलो सोने का इस्तेमाल किया गया है। जिसकी लागत करीब 400 करोड़ रूपए है। यह 45 एकड़ जमीन पर बना है। मंदिर परिसर में करीब 25 करोड़ की लागत से म्यूजिकल फाउंटेन का निर्माण कराया गया है।
विदेशी जमीन पर भारत की सांस्कृतिक परंपरा की छाप छोड़ना
पीएम मोदी न सिर्फ भारत में बल्कि दुनिया के दूसरे देशों मं भी मंदिरों को भव्य बनाने पर जोर देना शुरु कर दिया है। साल 2019 में पीएम मोदी की सरकार ने मनामा और अबू धाबी में भगवान श्रीकृष्ण श्रीनाथजी के पुनर्निर्माण के लिए 4.2 मिलियन डॉलर देने का ऐलान किया। इसके साथ ही 2018 में पीएम मोदी ने अबू धाबी में बनने वाले पहले हिंदू मंदिर की आधारशिला रखी थी।
महाकाल लोक
पीएम मोदी ने 11 अक्टूबर को मध्य प्रदेश के उज्जैन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर मंदिर के नवविस्तारित क्षेत्र 'श्री महाकाल लोक' का लोकार्पण किया। महाकाल मंदिर के लिए तैयार किए गए मास्टर प्लान का उद्देश्य महाकाल मंदिर को पुरानी पहचान वापस दिलाना है।